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गोंडा में दो अधिवक्ता व सरकारी कर्मी सहित ग्यारह के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज



रमेश कुमार मिश्रा 

गोंडा: जमीनी धोखाधड़ी में सब रजिस्ट्रार के एक से बढ़कर एक मामले सामने आते जा रहे हैं पूर्व में पुलिस ने सब रजिस्टार के विरुद्ध कार्रवाई कर चुकी है लेकिन सब रजिस्टार के कारनामों का अंत नहीं मिल रहा है। इस बार पीड़ित के शिकायती पत्र को संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने दो अधिवक्ता सब रजिस्टार सहित 11 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर नगर कोतवाली पुलिस ने विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।


नगर कोतवाली पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में भदुआ तरहर गांव निवासी प्रदीप कुमार तिवारी पुत्र तरुण चंद्र तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके पिता का दो जुलाई 2003 को देहांत हो चुका है, गांव निवासीगण सुरेश चन्द्र , सन्तोष कुमार, कमलेश कुमार पुत्रगण स्व• रामचन्दर,आनन्द कुमार उर्फ अन्नू पुत्र स्व• राम चन्दर, सुनीता देवी पत्नी सुरेश चन्द्र ,बृजेश कुमार अवस्थी पुत्र मुरलीधर अवस्थी, देहात कोतवाली क्षेत्र के फिरोजपुर तरहर गांव निवासी विष्णु तिवारी पुत्र विन्देश्वरी प्रसाद,गोंडा नगर कोतवाली क्षेत्र के जयनगरा बलरामपुर रोड निवासी एडवोकेट कृष्ण प्रकाश पाण्डेय, गोंडा कलेक्ट्रेट परिसर के एडवोकेट दिनेश कुमार श्रीवास्तव, सब रजिस्ट्रार सौरभ सिंह और सब रजिस्ट्रार कार्यालय गोंडा अज्ञात कर्मचारी ने मिलकर एक गैंग बनाकर आपस में साज करके एक जाली फर्जी व कूटरचित वसीयतनामा वसीयतकर्ता पीड़ित के पिता स्व तरुण चन्द्र को दिखाकर जामवन्ती पत्नी स्व रामचन्दर के पक्ष में पिता के मौत के दिन तैयार करवाकर रजिस्ट्री कार्यालय सदर गोण्डा के कर्मचारियों व  सब रजिस्ट्रार सौरभ सिंह से मिलकर धारा 40 का वाद प्रस्तुत किया गया, जिसमें वकालतनामा दिनेश श्रीवास्तव एडवोकेट का लगवाकर 25अक्टूबर 2019 को रजिस्ट्रीकृत करवाया गया, जिसकी सारी कार्यवाही भी फर्जी तरीके से की गयी। जिसमें जामवन्ती की मृत्यु हो चुकी है उक्त फर्जी दस्तावेज में गवाह सुनीता देवी व विष्णु तिवारी है जो जामवन्ती की बहू तथा विष्णु रिश्तेदार है।

गांव निवासी वकील से रंजिश

बृजेश कुमार अवस्थी एडवोकेट गांव के है, जो चुनावी रंजिश रखता है । वर्ष 2015 में बृजेश अवस्थी द्वारा अपने भाई की पत्नी सीमा देवी को पीड़ित की पत्नी रेखा देवी के सामने क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ाया गया था और चुनाव हार गया था। तभी से वह रंजिश रखता था, और बराबर धमकी देता रहता था कि तुम्हे भूमिहीन करके ही दम लूंगा, तुम्हारी पूरी सम्पति हड़प करवा दूंगा। वह भूमाफिया गैंग का सरगना है। जिसके ऊपर लगभग 40 मुकदमें पंजीकृत है और वर्तमान समय मैं वह जिला कारागार गोण्डा में निरुद्ध है। कूटरचना करने में वह माहिर है, इसकी गैंग में अन्य कई अधिवक्ता अनिल सिंह, महेन्द्र प्रताप सिंह, राकेश त्रिपाठी, कृष्ण प्रकाश पाण्डेय, आदि शामिल है। जिसमें कुछ लोग जेल में भी है। विपक्षी दिनेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा उक्त मुकदमें में वकालतनामा लगाकर फर्जी तरीके से धारा 40 की कार्यवाही कराने में अहम भूमिका अदा की गयी है। जिसमें रजिस्टर्ड डाक से जो सम्मन भेजवाया गया है, उसमें भी कूटरचना की गयी है। आरोप है कि कृष्ण प्रकाश पाण्डेय एडवोकेट लेखक है, इन सभी लोगों ने आपस में साज करके गैंग बनाकर उक्त जाली, फर्जी व कूटरचित वसीयतनामा पीड़ित की जमीन को हड़पने के उद्देश्य से तैयार करवाकर फर्जी तरीके से धारा 40 के तहत रजिस्टर्ड करवाया गया है। जब कि पीड़ित के पिता ने अपने जीवन काल में कभी कोई बैनामा या वसीयतनामा किसी के पक्ष में नहीं किया गया था और कथित वसीयतनामा पर न तो उनका फोटो है और न उनका हस्ताक्षर ही है। उनका हस्ताक्षर फर्जी बनाया गया है। 

मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।



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