अर्पित सिंह
गोंडा:कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मृतक के परिजनों को अब तक सहायता न देने का आरोप लगाते हुए बैंको के कार्य प्रणाली प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। सांसद ने बैकों में व्याप्त भ्रष्ट्राचार का हवाला देते हुए शख्त नियम लागू करने की मांग की है। पत्र में सांसद ने उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी बैंक कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है।
बता दे कि 28 अक्टूबर को जिला मुख्यालय स्थित एसबीआई के सामने नवयुवक के द्वारा किए गए आत्मदाह की सूचना मिलने के बाद कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह शनिवार को मृतक के परिजनों से मिले । उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देते हुए आर्थिक सहायता प्रदान की। जिसके बाद सांसद ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री,गृह मंत्री व वित्तमंत्री,भारत सरकार नई दिल्ली, जिलाधिकारी,पुलिस अधीक्षक गोंडा को पत्र लिखकर जांच एवं कार्यवाही की मांग की है।
पत्र में क्या लिखा
केन्द्र की सरकार ने किसानों, व्यापारियों एवं कामगारों को सुलभता से ऋण उपलब्ध कराने हेतु हजारों करोड़ रूपए का प्राविधान बजट में किया है। ऋण का वितरण करने का दायित्व देश के सभी बैंकों को सरकार ने दिया है। ऋण के लिए आवेदन करने पर निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंकों को ऋण उपलब्ध कराने की बाध्यता भी निर्धारित है। कतिपय कारणों से ऋण उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो उसका उपयुक्त कारण उपभोक्ताओं को विधि के अनुरूप सूचित किया जाना चाहिए। अत्यंत दुख के साथ आपको अवगत कराना है कि भारतीय स्टेट बैंक गोण्डा के द्वारा लाभार्थी दिव्यराज पाण्डेय निवासी ग्राम सरहरा ने वाटर प्लांट लगाने हेतु ऋण की मांग की थी लेकिन ऋण न उपलब्ध कराने के कारण दिनांक- 18 अक्टूबर 2023 को स्व दिव्यराज पाण्डेय को बैंक के सामने आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ा है। बैंक के सामने शहरी क्षेत्र में पुलिस स्टेशन से 50मी0 की दूरी पर घटित घटना के बाद मीडिया चैनलों एवं समाचार पत्रों के द्वारा जब इस खबर को प्रमुखता से दिखाया जाने लगा तब बैंक के शाखा प्रबन्धक, बैंक कर्मचारियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया था। 11 दिवस का समय व्यतीत हो जाने के पश्चात बैंक के द्वारा पीडित परिवार को अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गयी है और न ही इस पीडित को उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कोई आर्थिक सहायता अब तक उपलब्ध करायी गयी है। इस सम्बन्ध में जब मेरे सहयोगियों के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक गोण्डा में पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता शीघ्र दिए जाने का प्रयास किया गया, तब शाखा प्रबन्धक के द्वारा यह कहकर आर्थिक सहायता दिए जाने में असमर्थता जताई कि मृतक स्व० दिव्यराज पाण्डेय ने भारतीय स्टेट बैंक में ऋण हेतु कोई भी आवेदन प्रस्तुत नहीं किया था। बैंक के मैनेजर व फील्ड आफीसर के द्वारा मृतक आवेदक को प्रताड़ित करने, ऋण न उपलब्ध कराने, ऋण उपलब्ध कराने के लिए रिश्वत लेने की बात से अब इंकार किया जा रहा है। इससे समाज में भारी असतोष एवं नाराजगी बैंक व प्रशासन के खिलाफ बढ़ रही है। यद्यपि निगरानी समिति के बैठकों में मेरे द्वारा ऋण वितरण के प्रकरणों में बैंको को सिटीजन चार्टर लागू करने ऋण हेतु ऑनलाइन आवेदन पोर्टल एक्टीवेट करने तथा आनलाइन भरे गए लाभार्थियों के आवेदनों की हार्डकापी बैंको में तिथिवार रजिस्टर पर पंजीकृत करते हुए लाभार्थियों को पंजीकरण नम्बर दिए जाने का आग्रह करता रहा हूँ और निगरानी समिति की बैठकों में बैंको के प्रबन्धकों के द्वारा ऐसा करने का आश्वासन दिया जाता रहा है किन्तु दुख के साथ अवगत कराना है कि गोण्डा जनपद में बैंकों के द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। जो ऋण वितरण में कमीशनबाजी और भ्रष्टाचार को बैंको के द्वारा प्रोत्साहित करने वाला कदम है जिसका परिणाम दिव्यराज पाण्डेय को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ा है।
सांसद ने लिखे गए पत्र में आगे लिखा है कि…
इसलिए आपसे विनम्र अनुरोध है कि पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्देश वित्त मंत्रालय को प्रदान करने की कृपा करें एवं बैंकों में ऋण वितरण के लिए बैंक मैनेजरों के द्वारा 10 से 25 प्रतिशत की कमीशन मांग पर अंकुश लगाने हेतु नियमावली को और कठोर तथा प्रभावशाली बनाने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश भी प्रदान करने की कृपा करें मेरी मांग है कि स्व० श्री दिव्यराज पाण्डेय को आत्महत्या करने हेतु बाध्य करने के लिए जिम्मेदार बैंक मैनेजर, फील्ड आफीसर व बैंक के सम्मिलित अन्य कर्मचारियों के विरूद्ध उच्च स्तरीय जांच कराकर उन्हें दण्डित करते हुए पीडित परिवार को न्याय दिलाने की भी कृपा करें।
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