अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 25 अक्टूबर को को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में ‘गणित विषय‘ पर विभिन्न प्रकार के आकारों‘ की जानकारी विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी के नेतृत्व एवं उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय व गणित विषय की अध्यापिका किरन मिश्रा की संरक्षता में कक्षा-1 व कक्षा-3 के छात्र-छात्राओं को दी गयी ।
कक्षा-1 व कक्षा-3 के सभी छात्र-छात्राओं को गणित विषय की अध्यापिका किरन मिश्रा ने गोलाकार, त्रिभुजाकार, आयताकार, एवं वर्गाकार के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया। विभिन्न प्रकार के आकारों‘ में गोलाकार आकारों में चार्ट पेपर प्रस्तुत किया, जिसमें निधि, हिबा, अदिति, आराध्या, प्रज्ञा, इशिका, उपासना, अफजल, वर्षान, सनी तथा सूर्यांश। त्रिभुजाकार आकारों में स्वस्तिका, अंश, राज, अभिषेक, अनमोल, हर्ष, निकुंज, रैयान, जीशान, दिव्यांश, रत्नप्रिया, मरियम, तनय, अकर्ष, श्रेया, श्रृष्टि। आयताकार आकारों मे मानवी, वेदांशी, आकृति, जरताब, सिफा, विवेक, विराट, आयजा, आराध्या, अनुष्का, सौम्या, दृश्या, अतेन्द्र, जरीन तथा इसी क्रम में वर्गाकार आकारों मे रिया मेधावी, काव्या श्रीवास्तव, अभिराज, मानविक, जिया, आकांक्षा, मोहनी, सौम्या, उमूल, आरव इत्यादि बच्चों ने बहुत ही सुन्दर चार्ट बनाया । विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 तिवारी नें छात्र-छात्राओं को बताया कि गणित के तीन रूप है- अंकगणित, बीजगणित और रेखा गणित। तीनों गणित अनिवार्य एवं महत्वपूर्ण है। उन्होंने उदाहरण देतेेे हुए बताया कि अंकगणित के बिना बुक कीपिंग अधूरी है। रेखागणित के बिना इंजीनियरिंग अपंग है। बीजगणित के बिना विज्ञान की टेक्नोलॉजी की कमर टूट जाती है। जब कोई उपग्रह अंतरिक्ष मे जाता है तो आपने सुना होगा की उल्टी गिनती जब शून्य पर पहुंचती हे तो उपग्रह से आग की लपटें निकल कर उसे अंतरिक्ष में धकेल देती है । यह उल्टी गिनती की गणना अर्थात गणित है। आप सभी को गणित सीखने के लिए सबसे पहले आपमें उसके प्रति रूचि दिखानी होगी और थोड़ा दिमाग लगाते हुए समझनें की कोशिश करनी होगी तब ही आप गणित सीख सकते है। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय, अध्यापिकाओं में उर्वशी शुक्ला एवं अपर्णा पटवा उपस्थित रहीं।
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