जनपद बलरामपुर मे 23 अक्टूबर, 2023 को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, बलरामपुर में ‘दशहरा (विजयादशमी), का पर्व मनाया गया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी एवं कोषाध्यक्षा मीता तिवारी, विद्यालय के सह निदेशक इं0 आकाश तिवारी उपस्थित रहे। तत्पश्चात् विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने बताया कि दशहरा (विजयादशमी व आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है।
मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दशमी को ‘विजयादशमी‘ के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग शस्त्र पूजा करते है और नया कार्य प्रारम्भ करते है जैसे-अक्षर लेखन का आरम्भ, नया उद्योग आरम्भ, बीज बोना) ऐसा विश्वास है कि इस दिन जो कार्य आरम्भ किया जाता है उसमें विजय मिलती है। प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। इस दिन स्थान-स्थान पर मेले लगते है। रामलीला का आयोजन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान श्री राम की विजय के रूप में मनाया जाता है अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनो ही रूपों में यह शक्ति-पूजा का पर्व है। दशहरा हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है।
दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों-काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अंहकार, आलस्य, िंहंसा, और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है। दशहरा (विजयादशमी) पर्व के अवसर पर विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत सर्वप्रथम श्री रामचरित मानस के सभी काण्डों के आधार पर संक्षिप्त अभिनय छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत हुआ जिसमें राम वन गमन, सीता हरण, जटायु उद्धार, हनुमान एवं सुग्रीव की मित्रता आदि से लेकर रावण दहन तक का मंचन हुआ। जिसमें आदित्य श्रीवास्तव (राम), वैष्णवी श्रीवास्तव (सीता) अर्थव सेन (लक्ष्मण), अभ्युदय (हनुमान), वर्णित (रावण के रूप में), अर्पित (महाराज दशरथ), रत्नप्रिया (कौशिल्या), अनुष्का (सुमित्रा), ख्याति-(कैकेयी), सौम्या शुक्ला (मंथरा), दिव्यांश राव (गुरू विश्यामित्र), सेना मे श्लोक, आदित्य तिवारी, श्रेष्ठ श्रीवास्तव, आर्याश, मेधावी एवं मरियम (नर्तकी) के रूप में बहुत मनमोहक एवं सुन्दर ढंग से अभिनय किया। तत्पश्चात् विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी के निर्देशन में उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय एवं राघवेन्द्र त्रिपाठी के देखरेख में अंत में भव्यरूप में रावण के पुतले का निर्माण किया गया। विद्यालय के प्रांगण में लंकापति रावण का पुतले को विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डॉ0 एम0पी0 तिवारी के साथ भगवान राम के रूप में आदित्य श्रीवास्तव द्वारा जलाया गया जिसको देखकर के सभी छात्र-छात्राओं ने भगवान श्री राम की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ जय-जयकार किया। अन्त में दशहरा (विजयादशमी) पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 तिवारी ने बच्चों द्वारा श्री रामचरित मानस पर आधारित मर्यादापुरूषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्र की प्रस्तुति को देखकर समस्त छरत्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया तथा छात्र-छात्राओं को बताया कि दशहरा पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। दशहरा एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हर बच्चों को जानना चाहिए। विजयदशमी बहुत ही शुभ और एतिहासिक पर्व है। सभी लोगों को अपने अंदर के रावण को मार कर उस पर विजय प्राप्त कर हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। जिस प्रकार एक अंधकार का नाश करने के लिए एक दीपक ही काफी होता है वैसे ही अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए एक सोच ही काफी है। इस अवसर पर विद्यालय, उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी, उर्वशी शुक्ला, नीलम श्रीवास्तव, अर्चना श्रीवास्तव, पूनम चौहान, किरन मिश्रा, दिव्या पाण्डेय तथा समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं नें छात्राओं के मनमोहक कार्यक्रम को देखकर सराहना की तथा बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए दशहरा (विजयदशमी) का पर्व मनाया।
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