अखिलेश्वर तिवारी
जनपद गोंडा मे 26 अक्टूबर को मेनन विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक नंदिता शुक्ला ने माता पटमेश्वरी देवी के मंदिर पहुंचकर पूजन अर्चन किया । उन्होंने लोक कल्याण एवं विश्व शांति हेतु प्रार्थना किया तथा मां पटमेश्वरी देवी चेरीटेवुल ट्रस्ट के प्रबंधक होने के नाते मंदिर निर्माण से संबंधित समिति के सदस्यों से जायजा लिया। पूर्व विधायक श्रीमती शुक्ला ने
"मेहनवन वासिनी देवी सर्वकार्य विधायिनी ॥
पटमेश्वरी जगन्माता लोकानां वरदा भव॥
लोककल्याण हेतु माँ पटमेश्वरी देवी मंदिर मेहनौन में सत्प्रवृत्ति-संवर्द्धनाय, दुष्प्रवृति-उन्मूलनाय, लोककल्याणाय-आत्मकण्याणाय-वातावरण परिष्काराय के भाव पूर्ण संकल्प के साथ हवन-पूजन किया । वैदिक विधान से मंदिर के गर्भगृह में परम्परा अनुसार माता पटमेश्वरी-माता लक्ष्मी माता काली का षोडसोपचार पूजन-अर्चन-वन्दन किया । नंदिता शुक्ला (संरक्षक-प्रवन्धक) के साथ पं०रामानन्द तिवारी मंदिर निर्माण प्रभारी भी उपस्थित रह । मंदिर निर्माण व्यवस्था में सहयोगी राजू तिवारी, बब्बू तिवारी, सुरेन्द्र पाण्डेय, अशोक, नवीन, विनय, लल्लन मिश्र, नान्हू यादव, शारदा सहित अन्य कई कार्यकर्ताओ से साथ वैठक करके आगामी निर्माण हेतु चर्चा किया । निर्माण प्रभारी का दायित्व प्राप्त पं०ररामानन्द तिवारी ने प्रस्ताव रखा कि मंदिर निर्माण मूर्ति, यज्ञशाला के स्थापना के बाद अब फिर एक वड़ा सहयोग मंदिर शिखर बनाकर कलश व ध्वजा लगना आवश्यक है । पुराणो में वर्णित है कि शिखर दर्शनं पाप नाशं, मंदिर के शिखर दर्शन को भी मंदिर में स्थापित प्रतिमा दर्शन के बरावर पुण्य माना जाता है ।
मंदिर में आवश्यक व्यवस्थाओं की जरूरत
ऐतिहासिक मां पटमेश्वरी देवी मंदिर पर क्षेत्रीय लोगों के अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों से भी बड़ी संख्या मे श्रद्धालु नवरात्र के दौरान पहुंचते हैं, परंतु भारी अव्यवस्था के कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है । मंदिर का चैरिटेबल ट्रस्ट होने के बावजूद व्यवस्था शून्य के बराबर दिखाई देती है । ऐसे में मंदिर प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है कि वह अन्य बड़ी देवी मंदिरों जैसे देवी पाटन, विंध्याचल तथा मैहर देवी के प्रबंध तंत्र से सीख लेते हुए उचित व्यवस्था सुनिश्चित कराए । मंदिर पर लाइन की व्यवस्था न होने के कारण श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कठिनाई होती है । अफरा तफरी का माहौल दिखाई देता है तथा स्वच्छता में भी भारी कमी देखी गई है । मंदिर का सौंदरीकरण, अधूरे कार्यों को पूरा करने के साथ-साथ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था करना नितांत आवश्यक है ।
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