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BALRAMPUR...पायनियर पब्लिक स्कूल में मनाई गई महर्षि वाल्मीकि जयंती



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 28 अक्टूबर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, बलरामपुर में ‘महर्षि वाल्मीकि जी‘ की जयंती मनायी गयी। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर माल्यापर्ण करके आरती उतारी और बताया कि महर्षि वाल्मीकि का पुराना नाम रत्नाकरदास था ।


महर्षि वाल्मीकि को महर्षि और आदि कवि नामक उपाधियों से भी सम्मानित किया गया है। जहां महर्षि का अर्थ महान संत या महान ऋषि है, और आदि कवि का अर्थ प्रथम कवि । महर्षि वाल्मीकि संस्कृत रामायण के प्रसिद्ध रचयिता है। इन्होनें संस्कृत में रामायण की रचना की। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रची गई रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई । रामायण एक महाकाव्य है जो कि राम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य व कर्तव्य से, परिचित करवाता है। आदिकवि शब्द ‘आदि‘ और ‘कवि‘ के मेल से बना है। ‘आदि‘ का अर्थ होता है ‘प्रथम‘ और ‘कवि‘ का अर्थ होता है ‘काव्य का रचयिता‘। महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना की थी जो रामायण के नाम से प्रसिद्ध है। प्रथम संस्कृत महाकाव्य की रचना करने के कारण वाल्मीकि आदि कवि कहलाये। महर्षि वाल्मीकि जयंती पर, रामायण की महाकाव्य शिक्षाएं आपको हर दिन एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करें, वाल्मीकि जयंती कलम की ताकत की याद दिलाती है। महर्षि वाल्मीकि के शब्द और कार्य हमेशा सच्चाई और अच्छाई को दर्शाते हैं। जयंती अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मानविक श्रीवास्तव ने भगवान वाल्मीकि का अभिनय किया। तत्पश्चात् एक समूह नृत्य का आयोजन हुआ । मेधावी सिंह, मरियम, रत्नप्रिया मिश्रा, सौम्या श्रीवास्तव, आरोही खण्डेलवाल, श्रृष्टि श्रीवास्तव बहुत ही मनमोहक व सुन्दर प्रस्तुति दी। अन्त मे प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने बच्चों द्वारा समूह नृत्य की प्रस्तुति को देखकर समस्त प्रतिभागिओं का उत्साहवर्धन करते हुए बताया कि महर्षि वाल्मीकि जंयती अश्विन माह के महीने (सितम्बर-अक्टूबर) के पूर्ण चन्द्रमा यानी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर वाल्मीकि की प्रतिमा को फूल-माला चढ़ाकर और दियों की रोशनी करके मनाया जाता है। कुछ लोगों के द्वारा वाल्मीकि मंदिर को फूलों और अन्य सजावटी सामानों से सजाया जाता है। यह पर्व वाल्मीकि के प्रति प्यार और स्नेह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर विद्यालय, उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाएं उपस्थित रहे।

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