अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 7 अक्टूबर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज मे बच्चों को ‘‘फल एवं सब्जी की पहचान तथा उसके महत्व‘‘ को बताया गया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डॉ0 एम0 पी0 तिवारी के नेतृत्व में शिक्षक शिक्षिकाओं ने बच्चों को बताया कि आहार ही मानव जाति का आधार स्तंभ है । मानव जो आहार करता है वह पचकर शरीर में स्फूर्ति पैदा करता है। जिन आवश्यक तत्वों से पूर्ण होकर शरीर बनता है, ऐसे खाद्य पदार्थो को भोजन या आहार कहते है। आहार के आवश्यक अंग प्रोटीन, वसा, शार्करीय पदार्थ, खनिज लवण विलय होते है। कंदमूल, सूखे हुए फल इसके अंतर्गत आते है इसमें प्रोटीन और कुछ विटामिन भी पाये जाते है। इन्ही आवश्यक आहारों में फल एक प्रमुख आहार हमारे शरीर का होता है। जो हमें भरपूर मात्रा में आयरन, प्रोटीन, जिंक सहित कई अन्य पोषक तत्व देते है। सब्जी के विषय मे जानकारी देते हुए उसके महत्व एवं उपयोग के बारे में बताया । बताया गया कि हरी सब्जियाँ हमारे शरीर में पोषक तत्व प्रदान करती हैं। इसलिए हम सभी को ताजी हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए । सब्जियां खाने से हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के पौष्टिक तत्वों की प्राप्ति होती है। सब्जियों में विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते है । साथ ही अन्य कई प्रकार के मिनरल और खनिज पदार्थ भी होते है, जो हमें पोषण प्रदान करते है और हमारे शरीर के विभिन्न अंगो को भी मजबूत बनाने का काम करते है।
इसी क्रम में शिक्षिकों ने बच्चों को फलो की पहचान करायी तथा उसके गुणों के बारे मे बताया। बच्चों ने भलि-भांति फलो की पहचान की तथा उसके गुणों के बारे में भी बताया। जैसे-आम तथा पपीता में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है। लीची, बेल में विटामिन सी पाया जाता है। बच्चों को यह भी बताया गया कि कीवी फल दुनिया की सबसे ताकतवर फल है। इस फल के सेवन से आँखो से सम्बन्धित बीमारिया खत्म होती है तथा जोड़ों के दर्द तथा शरीर के अन्य दर्द खत्म होते है । साथ ही पाचन तंत्र को ठीक रखता है । सेब में एन्टीऑक्सीडेंट, विटामिन एवं फाइबर सहित अन्य पोषक तत्व होते है। जो बच्चे फल खाना नही पंसद करते थे वे सभी लाइव क्लास में अपने अभिभावकों से फलो की मांग करके फल खाने की इच्छा प्रकट की तथा अपने शिक्षकों-शिक्षिकाओं से वादा किये कि वे रोज एक फल का सेवन करेगें। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बच्चों को बताया कि हमे हमेशा सस्ते एवं सीजनल फल का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए, और अपने शरीर को चुस्त-दुरूस्त तथा दिमाग को स्वस्थ रखना चाहिएं । विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं में फलों का अभिनय में कक्षा-नर्सरी एवं एल0के0जी0 के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया, जिसमें उत्कर्ष, आरव, कुंज, मानस, तेजस, मिष्ठा ने सेव के रूप में, रूद्र, अनिका, यशिका, अभ्युदय, इलमा ने अंगूर के रूप में, ऋषभ आम के रूप में, साश्वत संतरा के रूप मे, रीत केला के रूप में, श्रद्धा सोनी फल विक्रेता के रूप में बहुत ही मनमोहक अभिनय किया। इसी क्रम में सब्जियों के अभिनय में जयेश आलू के रूप में, सर्वेश मिर्ची के रूप में, विजयेन्द्र गाजर के रूप में, सिद्वार्थ कद्दू के रूप में, आंचल लौकी के रूप में, मिसिका एवं आजमा बैगन के रूप में तथा अनघा ने सब्जी विक्रेता के रूप सुन्दर एवं मनमोहक अभिनय किया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने कक्षा में अभिनय करने वाले छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए भूरि-भूरि प्रशंसा की । विद्यालय के उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं ने ‘‘फल की पहचान तथा उसके महत्व‘‘ पर अभिनय करने वाले छात्र-छात्राओं की सराहना की।
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