अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के एमएलके पीजी कॉलेज में स्थापित 51वीं यू पी बटालियन एन सी सी बलरामपुर के तत्वावधान में बनवारी देवी अशोक कुमार स्मारक महाविद्यालय सिरसिया श्रावस्ती में चल रहे 10 दिवसीय आल इंडिया यू पी ट्रैक प्रथम के चौथे दिन सोमवार को केडेटों ने बाबा विभूतिनाथ के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
23 अक्टूबर को एनसीसी 51 यूपी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर व कैम्प कमांडेंट कर्नल अरविन्द प्रताप सिंह पटवाल के निर्देशन में सुहेलवा ग्रुप के कैडेट्स ने बाबा विभूतिनाथ रूट पर ट्रैकिंग किया। सुहेलवा ग्रुप के अंतर्गत उत्तर प्रदेश निदेशालय के लगभग 101 कैडेट्स लेफ्टिनेंट मदन लाल, सूबेदार नायक व हवलदार योगेंद्र की अगुवाई में बनवारी देवी स्मारक महाविद्यालय से बाबा विभूतिनाथ रूट के लिए प्रस्थान किये। केडेटों ने जंगलों के रास्ते भ्रमण करते हुए बाबा विभूतिनाथ के मंदिर पर पूजा अर्चना कर सम्पूर्ण विश्व के लिए सुख,शान्ति के लिए प्रार्थना किया।
इस दौरान केडेटों ने जंगलों में प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी प्राप्त की। केडेटों को बाबा विभूतिनाथ के बारे में विधिवत जानकारी देते हुए कैम्प कमांडेंट कर्नल पटवाल ने अवगत कराया कि मान्यताओं के अनुसार हिमालय की तलहटी में स्थित पांडवकालीन विभूतिनाथ मंदिर में साक्षात अघोरी शिव वास करते हैं। सैकड़ों वर्षो से यह श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। पांडव काल में अज्ञातवास के दौरान महाबली भीम ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी। बताया जाता है कि शिवलिंग को नष्ट करने के उद्देश्य से जब मुगल शासक औरंगजेब के सैनिकों ने इस पर आरी चलाई तो शिवलिंग से रक्तश्राव होने लगा था। इस चमत्कार से औरंगजेब डर गया था। उसने मंदिर में पहुंच कर क्षमा याचना भी की थी। आरी चलाने का निशान अभी भी शिवलिंग पर विद्यमान हैं। शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए यक्ष मानसरोवर के अलावा आसपास कोई दरिया अथवा जलस्रोत नहीं था। बताया जाता है कि अचानक मंदिर से थोड़ी दूरी पर दो जलधाराएं विस्फुटित हुई। इसे लोग गुप्त काशी के नाम से जानते हैं। कैडेटों ने बाबा विभूतिनाथ के दर्शन कर जहां पूजा अर्चना की वही विश्व के कल्याण के लिए मंगल कामना भी की। कैम्प कमांडेट कर्नल पटवाल के साथ 47 बटालियन के सीओ कर्नल प्रशांत सहित सभी केडेटों ने श्रावस्ती के विभिन्न जैन मंदिरों का भ्रमण कर उसके बारे में जानकारी प्राप्त की।
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