अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 12 अक्टूबर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, बलरामपुर में ‘‘संस्कार संवाद‘‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने आये हुए मुख्य अतिथि पंचवटी सीताराम आश्रम के तत्वाधान में श्रद्धेय रविशंकर महाराज (गुरू भाई) को बुके देकर एवं माला पहनाकर स्वागत करते हुए रविशंकर जी महराज एवं विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डॉ0 एम0पी0 तिवारी ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण करके द्धीप प्रज्जवलित कर आरती उतारा ।
तत्पश्चात् सम्मानित अतिथियों में इन्द्र बहादुर सिंह बहराइच, राधेश्याम मौर्य बहराइच, बालक राम मिश्रा बलरामपुर, सुशील कुमार शुक्ल बहराइच, श्वेता गोयल बलरामपुर, मनोज गोयल बलरामपुर एवं अशोक शुक्ला बहराइच का भी बुके देकर स्वागत किया । ‘‘संस्कार संवाद‘‘ के अवसर पर रविशंकर जी महाराज (गुरू भाई) ने छात्र-छात्राओं को संस्कार के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पाँच महान शब्दों का विश्लेषण किया, जिसमें लक्ष्य, रास्ता, साधन, साथी एवं सामन्जस्य थे। महाराज जी ने अलग-2 पाँचो शब्दों का विस्तृत रूप से वर्णन करते हुए कहा कि मूलतः संस्कार का अभिप्राय कृत्यों से है जो किसी व्यक्ति को अपने समुदाय का पूर्ण रूप से योग्य सदस्य बनाने के उद्देश्य से उसके शरीर, मन और मस्तिष्क को पवित्र करने के लिए होता है। हमारे पारिवारिक संस्कारों के द्वारा हम अपने गुणों को जन्म देते है। संस्कारों का उदेद्श्य मनुष्य के व्यक्तित्व को इस प्रकार विकसित करता है कि वह विश्व में मानव को उसके शक्तियों के साथ समन्वय स्थापित करता है। उदाहरण के लिए हमारे विश्व गुरू स्वामी विवेकानंद मुख्य रूप से प्रसिद्ध है । संस्कार हमें संवेदनशील एवं उदार बनाती है। गुरू जी द्वारा दिये गये विस्तृत जानकारी को विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने ध्यानपूर्वक सुना और महराज जी द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उन्होनें समुचित उत्तर दिया और अपने शंकाओं का समाधान प्राप्त किया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने आये हुए मुख्य अतिथि रविशंकर जी का आर्शीवचन के बारे छात्र-छात्राओं को बताया कि हमें अपने जीवन में निरंतर प्रगति करने के लिए सभी पाँच सूत्रों को सार्थक बनाना चाहिए। इस अवसर पर उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाएं तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।
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