अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के स्थित अंग्रेजी माध्यम विद्यालय डिवाइन पब्लिक स्कूल में स्कूल का मीडियम इंग्लिश मीडियम होने के बावजूद भी भारतीय संस्कृति की आधारशिला बना हुआ है। एक तरफ जहां आज अंग्रेजी माध्यम स्कूल बच्चों को पश्चात संस्कृत की तरफ लेकर जा रहे हैं, वहीं पर मुख्यालय स्थित डिवाइन पब्लिक स्कूल अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई करने के साथ-साथ बच्चों को भारतीय संस्कृति की आधारशिला के बारे में भी पूरी जानकारी देता है ।
विद्यालय प्रबंधन भारतीय संस्कृति को एक विषय के रूप में अपने स्कूल में संचालित करता है जिससे बच्चे अपने मूलभूत संस्कृति के बारे में ठीक से जानकारी प्राप्त कर सकें । उसी के तहत आज भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन विद्यालय में कराया जा रहा है, जिसमें बाहर से आई हुई टीम बच्चों के परीक्षा का निरीक्षण कर रहे हैं । इस प्रकार बहुत कम विद्यालय ही मिलते होंगे जहां पर इस प्रकार की परीक्षाओं का आयोजन व उनकी जानकारी देने का कार्य किया जाता होगा । बतातेे चलें कि डिवाइन पब्लिक स्कूल नगर क्षेत्र में बहुत कम समय में अपने शिक्षा के बारे में शहर में एक चर्चा का विषय बना हुआ है । यह विद्यालय शिक्षा के साथ-साथ अपने बच्चों के सर्वज्ञ विकास के लिए चाहे वह भारतीय संस्कृति का विषय रहा हो या खेलकूद या किसी अन्य प्रकार के कार्यक्रम उसमें हमेशा अव्वल रहता है यह वहीं विद्यालय है जहां पर एसएसबी बटालियन के जवान हर साल अपने पूरे कैंप के साथ यहां की बहनों से अपने कलाई पर रक्षा बनाने के लिए भी आते हैं डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक आशीष उपाध्याय जी से जब इस विषय पर बात किया गया तो उन्होंने बताया कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनके विषय के साथ-साथ हमें अपनी संस्कृति के बारे में भी अध्ययन करना चाहिए ऐसा ना हो जो हमारी संस्कृति देश की सर्वोपरि संस्कृति है बच्चे उसे भूलते जाएं और पश्चात संस्कृति के रंग में रंग जाएं इसलिए विद्यालय प्रता रोजाना 15 मिनट अपनी संस्कृति, भारत की धरोहर आदि विषयों पर रोजाना स्कूल में चर्चा करता है और उनको इसके महत्व के बारे में बताया जाता है । डिवाइन पब्लिक स्कूल के इस प्रकार के उत्कृष्ट कार्यो को देखते हुए यहां पर पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक काफी प्रशन्न रहते हैं । विद्यालय मे हमारी मूलभूत संस्कृति पढ़ाई के साथ-साथ सिखाते हैं जो उनकी पढ़ाई के साथ-साथ एक आवश्यक अंग है । इस विद्यालय के बारे में कहा जाता है कि यह विद्यालय मात्र 5 साल पुराना है लेकिन इसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास को करने में किसी भी प्रकार की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी । इस विद्यालय में सीटों की संख्या कम होने के कारण बच्चों का एडमिशन अप्रैल माह में ही क्लोज कर दिया जाता है और अभिभावकों की एक भीड़ अपने बच्चों को इस विद्यालय में प्रवेश लाने के लिए लगी होती है । हमारे संवाददाता ने जब इस विद्यालय के प्रबंधक से बात किया तो भारतीय संस्कृति की सभ्यता के साथ-साथ इस बात का भी पता लग सका कि विद्यालय इतने कम समय में शहर के शिखर पर कैसे पहुंच गया । प्रबंधक आशीष उपाध्याय ने जानकारी दी कि भविष्य मे डिवाइन पब्लिक स्कूल की ब्रांचो को बढ़ाया जाएगा जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे डिवाइन पब्लिक स्कूल के परिवार का हिस्सा बन सके और उनमें पढ़ाई के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की जानकारी दी जा सके । भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में डिवाइन पब्लिक स्कूल के अध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा जिनमें संरक्षण में पूरा परीक्षा संचालित कराई गई । परीक्षा मे उपस्थित अध्यापिकाएं जूली पांडे, शालिनी सोनी, सुनीता मिश्रा, उषा चौहान, सुधा पांडे, पल्लवी शुक्ला, उजमा पाठक, प्रियंका कनौजिया, सत्संग, पूजा मिश्रा, फातिमा, निहारिका, आराधना सिंह, अंजनी, श्रेया तिवारी, अभिषेक शुक्ला, सुरभि पांडे, आरती, साक्षी मिश्रा, सुमन मिश्रा, प्रियंका कश्यप, नेहा तिवारी, रेनू खान, आफरीन, सोनी व साबिया बानो सहित शिक्षा नेत्र गर्मी मेंं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे ।
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