शासकीय उत्तरदायित्वों तथा जनता की सच्ची सेवा ही प्रशासनिक सेवा का मूल-एएसपी
कुलदीप तिवारी
लालगंज प्रतापगढ़। लालगंज तहसील सभागार में शुक्रवार को सहायक पुलिस अधीक्षक अमृत जैन को सराहनीय सेवा के लिए नागरिक सम्मान प्रदान किया गया। जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर आये प्रशिक्षु आईपीएस अमृत जैन लालगंज कोतवाली में दो माह तक प्रभारी निरीक्षक के पद पर तैनात रहे। शुक्रवार को उनका प्रशिक्षण यहां प्रभारी निरीक्षक पद पर पूर्ण हुआ। तहसील सभागार में अधिवक्ताओं तथा कर्मचारियों व व्यापारियों एवं सभासदों के साथ आम नागरिकों ने अमृत जैन को बेहतरीन जनसेवा को लेकर समारोहपूर्वक सम्मानित किया। इसके तहत अधिवक्ताओं की ओर से संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश व उपाध्यक्ष लाल विनोद सिंह एवं महामंत्री धीरेन्द्र शुक्ल तथा नगर पंचायत की ओर से चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी एवं लालगंज व्यापार मण्डल अध्यक्ष उदयशंकर दुबे व रामपुर व्यापार मण्डल अध्यक्ष राजू सिंह ने एएसपी अमृत जैन को प्रतीक चिन्ह तथा माल्यार्पण कर सम्मानित किया। एसडीएम लालधर सिंह यादव तथा सीओ रामसूरत सोनकर ने एएसपी अमृत जैन को बुकें प्रदान कर सम्मान से नवाजा। कार्यक्रम के संयोजक ऑल इण्डिया रूरल बार एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने एएसपी जैन के सराहनीय कार्यकाल की सफलताओं पर प्रकाश डाला। समारोह को संबोधित करते हुए सहायक पुलिस अधीक्षक अमृत जैन ने लालगंज क्षेत्र की जनता के द्वारा अपराध नियंत्रण तथा शांति व्यवस्था मंे मिले सहयोग को सराहा। उन्होनें कहा कि प्रशासनिक सेवा का मूल उददेश्य अपने कर्तव्य के निर्वहन में सत्यनिष्ठा के साथ जनता की आकांक्षाओं पर खरे उतरना हुआ करता है। एसडीएम लालधर सिंह यादव तथा सीओ रामसूरत सोनकर ने भी एएसपी अमृत जैन के कार्यकाल की खूबियां गिनाई। वरिष्ठ अधिवक्ता कालिका प्रसाद पाण्डेय तथा अधिवक्ता अनूप पाण्डेय व मनीष क्रांतिकारी ने एएसपी के सम्मान में गीत श्रृंखला की सराहनीय प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश व संचालन पूर्व अध्यक्ष देवीप्रसाद मिश्र ने किया। स्वागत भाषण महामंत्री धीरेन्द्र शुक्ल तथा धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष लाल विनोद सिंह ने किया। समारोह को संतोष पाण्डेय, सिंटू मिश्र, संजय सिंह, अजय शुक्ल गुडडू, संतोष सिंह, रामकुमार पाण्डेय, विपिन शुक्ल, प्रमोद सिंह, केके शुक्ल, विनोद मिश्र, सुरेश मिश्र मदन, रामसिंह, नामवर सिंह, विनय शुक्ल, पिंटू मिश्र, हरिश्चंद्र पाण्डेय आदि अधिवक्ता रहे।
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