पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा) नवाबगंज थाने से महज चंद कदमों की दूरी पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव घंटों पड़ा रहा, मानवता फिर शर्मसार हुई लेकिन दो गज कफन भी उस लावारिस शव को मयस्सर नहीं हुआ। यह मामला ट्विटर पर ट्रेन्ड होने के बाद ही प्रशासन की नींद खुली और स्थानीय समाजसेवियों के सहयोग से उसका अंतिम संस्कार किया गया।
मंगलवार को कस्बे के थाने चौराहे पर एक अज्ञात शव सुबह से ही आधी सड़क पर पड़ा हुआ था। हजारों आम लोग, पुलिस और पालिका प्रशासन के तमाम जिम्मेदार उधर से गुजरे तो लेकिन सब उस शव को नजरअंदाज कर चले गए। मानवता एक बार भी रो पड़ी। लगभग 2:52 मिनट पर इस प्रकरण के संबंध में जब एक ट्वीट ट्वीटर पर ट्रेन्ड होने लगा मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आया शासन-प्रशासन अपनी नींद से जागा। कस्बे के ही समाजसेवी नवाज खान, निहाल खान, संतोष, इस्लाम,शिवकुमार निगम , सलमान अली, राकेश साहू आदि ने लिखित रूप से प्रभारी निरीक्षक नवाबगंज मनोज कुमार राय को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा कि मृतक प्रायः कस्बे में इधर-उधर घूमता रहता था।मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत दुर्बल था। वेशभूषा से वह हिंदू धर्म का प्रतीत होता है। चूंकिअब तक मृतक का वारिस होने का दावा कोई भी नहीं कर रहा है इसलिए हम सभी कस्बे वासी हिंदू रीति-रिवाज से उसका दाह संस्कार करना चाहते हैं। कस्बा चौकी इंचार्ज कामेश्वर राय ने बताया कि कस्बे के कुछ समाजसेवियों ने लिखित रूप से दिया है कि वो लोग हिंदू रीति-रिवाज से मृतक का दाह संस्कार करना चाहते हैं। मृतक का कोई वारिस सामने नहीं आया है इसलिए विधिक प्रक्रिया के उपरांत शव उन्हें सौंप दिया गया है। उन लोगों के द्वारा मृतक का अंतिम संस्कार किया गया है।
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