राज्य सभा में विपक्ष के उपनेता ने श्रीराम मंदिर के उदघाटन को राजनैतिक स्वरूप दिये जाने पर जतायी असहमति, बोले-राष्ट्रपति से भी कराया जा सकता है उदघाटन
अभय शुक्ला
लालगंज प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के उदघाटन के कार्यक्रम को राजनैतिक स्वरूप दिये जाने पर कडी आपत्ति जतायी है। सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि मंदिर का उदघाटन वैदिक परम्परा से पुजारी एवं पण्डितों अथवा देश के राष्ट्रपति से कराया जाना चाहिए। उन्होनें कहा कि किसी भी मंदिर का उदघाटन सनातन धर्म की आस्था तथा विश्वास से जुड़ा हुआ करता है। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर को लेकर भी हिन्दू समुदाय की पवित्र आस्था जुडी हुई है। उन्होने कहा कि इसके तहत वहां भगवान श्रीराम के मंदिर का उदघाटन भी सनातन धर्म की परम्परा के तहत वैदिक रीति से शुद्ध वातावरण में सुनिश्चित होना चाहिए। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि वैदिक परम्पराओं के तहत मंदिर के उदघाटन का कार्यक्रम का सम्पूर्ण दारोमदार वहां पूजा करने वाले पुजारियों तथा पण्डितों और ब्राहम्णों पर छोड़ा जाना चाहिए। प्रमोद तिवारी ने कहा कि वैदिक परम्परा के तहत होने वाले उदघाटन कार्यक्रम में कोई भी शामिल हो यह विषय नहीं है। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि उदघाटन कार्यक्रम को किसी राजनैतिक दल के नेता से कराने पर सामाजिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में गलत संदेश जाएगा। उन्होनें कहा कि यदि मंदिर उदघाटन के कार्यक्रम को राजनैतिक स्वरूप दिया जाता है तो इसका उदघाटन देश की राष्ट्रपति के द्वारा कराया जाना चाहिए। उन्होनें उदाहरण देते हुए कहा कि सोमनाथ के भव्य मंदिर का भी उदघाटन 1951 में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद से कराया गया था। यही परम्परा अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर उदघाटन कार्यक्रम का सर्वमान्य स्वरूप सामने ले आएगा। प्रमोद तिवारी ने बीजेपी के प्रधानमंत्री को मंदिर के उदघाटन के लिए आमंत्रण को लेकर स्पष्ट कहा कि भाजपा शुरू से ही धर्म का राजनैतिक लाभ लेने के लिए दुरूपयोग करती आ रही है। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सरकार के वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर गठित सरकारी कमेटी से लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के अलग होने के निर्णय को सही ठहराया है। उन्होनंे कहा कि इस कमेटी का जो स्वरूप सामने आया है वह लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने वाला ही है। उन्होने भाजपा पर यह भी तंज कसा कि दरअसल वन नेशन वन इलेक्शन की उसकी सोच चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तरह वन पार्टी वन लीडर वन नेशन की देश पर तानाशाही थोपने का एक और घातक प्रयास है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का यह बयान सोमवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी हुआ है।
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