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अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को लेकर रूरल बार का धरना प्रदर्शन, डीएम के ज्ञापन लेने न पहुंचने पर हंगामा



अभय शुक्ला 

प्रतापगढ़। अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम की मांग को लेकर बुधवार को कचहरी में आल इण्डिया रूरल बार एसोशिएसन के धरना प्रदर्शन में वकीलों ने जमकर गुस्से का इजहार किया। राष्ट्रपति को संबोधित हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन डीएम को देने की जिद पर अड़े वकीलों ने एडीएम तथा सीआरओ को बैरंग वापस कर दिया। सीआरओ से कुछ देर तक धरना स्थल पर ज्ञानप्रकाश शुक्ल व जेपी मिश्र तथा मुक्कू ओझा आदि से नोंकझोंक भी होती रही। इसके बाद सीआरओ ने एडीएम को फोन कर यहां के माहौल से अवगत कराया। सीआरओ धरना स्थल से वकीलों का आक्रोश भांप चले गये। हालांकि एडीएम ने वकीलांे के साथ धरना स्थल पर बैठकर समझाने बुझाने का प्रयास किया पर आक्रोशित वकील एडीएम के सामने ही प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। एसोशिएसन के प्रदेश अध्यक्ष मुक्कू ओझा तथा जिलाध्यक्ष अंजनी सिंह बाबा की अगुवाई में कचहरी में अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम तथा हापुड में वकीलों पर लाठीचार्ज में दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने का आयोजन हुआ । धरनास्थल पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। इस बीच धरना स्थल पर एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल भी पहुंच गये। जूनियर बार के पूर्व महामंत्री जेपी मिश्र तथा मुक्कू ओझा ने डीएम के कार्यालय ज्ञापन लेने के लिए संदेश भेजवाया। थोड़ी देर में सीआरओ राकेश कुमार धरना स्थल पर पहुंचे। सीआरओ ने अधिक्ताओं को बताया कि डीएम मुख्यालय से बाहर हैं। सीआरओ ने ज्ञापन मांगा तो धरना दे रहे अधिवक्ताओं ने उन्हें ज्ञापन देने से मना कर दिया। सीआरओ वकीलों का आक्रोश देख लौट गये। करीब आधे घंटे बाद जिले के एडीएम त्रिभुवन विश्वकर्मा धरना स्थल पर पहुंचे। एडीएम ने भी डीएम के मनगढ़ होने की बात बताते हुए वकीलों को समझाने बुझाने का प्रयास किया। इस पर एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने एडीएम से कहा कि यह जिलाधिकारी की असंवेदनशीलता है। उन्होनें धरना स्थल पर एडीएम के सामने अपने भाषण में कहा कि जिलाधिकारी का राष्ट्रपति को संबोधित स्वयं ज्ञापन न लेना संविधान तथा राष्ट्रपति पद की गरिमा का अपमान है। प्रदेश अध्यक्ष मुक्कू ओझा तथा पूर्व महामंत्री जेपी मिश्र ने भी एडीएम से कडी नाराजगी जतायी। तब तक वकील आक्रोशित हो हापुड़ के डीएम व एसपी की बर्खास्तगी का नारा लगाने लगे। वकीलों ने जिले के डीएम के खिलाफ भी नारेबाजी की। एडीएम स्वयं धरना स्थल पर कुछ देर बैठे और वकीलों को ज्ञापन देने के लिए समझाने बुझाने में मशक्कत की। इसके बावजूद नाराज वकीलों ने एडीएम को भी ज्ञापन देने से मना कर दिया। रूरल बार के पदाधिकारियों ने एडीएम के द्वारा जन्माष्टमी के पर्व का हवाला देकर शांति व्यवस्था में सहयोग मांगने पर इस चेतावनी के साथ धरना स्थगित किया कि जन्माष्टमी पर्व के बाद अब यह धरना डीएम आवास पर होगा। रूरल बार के धरने प्रदर्शन का समर्थन करने लालगंज संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश की अगुवाई में भी वकीलों का जत्था दिखा। एसोशिएसन के जिलाध्यक्ष अंजनी सिंह बाबा ने धरनास्थल पर सभा का संचालन करते हुए कहा कि राष्ट्रपति को संबोधित जिले के अधिवक्ताओं का ज्ञापन अब अगले सप्ताह प्रयागराज मण्डल के आयुक्त को वहां पहुंचकर सौपा जाएगा। सभा को संबोधित करते हुए डा. नीरज त्रिपाठी, विवेक त्रिपाठी, रोहित शुक्ल, आचार्य ओमप्रकाश मिश्र, पं. रामसेवक त्रिपाठी तथा राधेकृष्ण त्रिपाठी आदि अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रदेश भर में अधिवक्ताओं पर प्रशासनिक तथा आपराधिक हमले अब बर्दास्त नही किया जाएगा। इस मौके पर दिनेश पाण्डेय, दिवाकर सिंह, दिग्विजय सिंह, जगदीश मौर्या, सचिन्द्र सिंह, मनोज कुमार, रजनीश मिश्र, धीरेन्द्र शुक्ल, विपिन शुक्ल, राजकुमार मिश्र, आसिफ सिददीकी, विद्यासागर शुक्ल, कौशलेन्द्र सिंह, अरूण सिंह, पंकज शर्मा, बालजी ओझा, पवन मिश्र, हरीश शुक्ल, लल्लू बाली, शिव नारायण शुक्ल, आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

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