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अपनों के ठुकराए वृद्धजनों की हर संभव सेवा करना है हमारा संकल्प:रोशनलाल उमरवैश्य



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़: वृद्धाश्रम महुली में रह रहे दादा मोतीलाल के निधन के बाद उनके बेटों द्वारा उनके क्रियाकर्म न करने पर सभी कर्मकांड वृद्धाश्रम परिवार एवं समाजसेवी रोशनलाल उमरवैश्य ने करने का निर्णय लिया था। आठ दिन चली गरुड़ पुराण कथा के बाद आज श्राध्द का कार्यक्रम कर मोतीलाल दादा की आत्मा की शांति के लिए सभी कर्मठ किए गए। दाग सबसे वृद्ध दादा जय राम जी ने लिया था तथा आज श्राध्द का सभी कर्मठ भी किया। सभी कर्मठ पंडित शिव बाबू ने संपन्न कराया।समाजसेवी रोशनलाल ने बताया कि वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्ध दादा मोतीलाल का बीमारी से निधन हो गया था। उनके परिवार व बच्चों को सूचना दी गई थी लेकिन वह नहीं आए इसके बाद दाह संस्कार से लेकर सारे कर्मठ करने का निर्णय लिया गया था। इसी क्रम में आज श्राद्ध का कार्यक्रम आयोजित हुआ। कोशिश की गई की सभी कर्मठ पूरे हो। उसी प्रकार जो भी पंडित जी द्वारा सैया दान आदि सारे कर्मठ विधि विधान से कराए गए। 20 सितंबर को दोपहर 1:00 बजे श्रद्धांजलि सभा के साथ तेरही के भोज का आयोजन किया गया है। जो तीन बजे तक चलेगा।वृद्धाश्रम के प्रबंधक अंबिका प्रसाद ने कहा कि दादा मोतीलाल की आत्मा की शांति के लिए सभी कार्य किए जा रहे हैं। मैं इस कार्य में तन मन धन से सहयोग कर रहे समाजसेवी रोशनलाल जी के प्रति वृद्धाश्रम परिवार आभारी है। जो सदैव सभी दादा-दादी को माता-पिता की तरह मानकर सेवा कर रहे हैं। वृद्धाश्रम परिवार सदैव सहयोग करता रहेगा। इस अवसर पर जयराम दादा, शिव बाबू, गयादीन, हीरालाल, लाल जी, रामबोध, धर्मेंद्र कुमार, अतुल सिंह, संतोष कुमार, छेदीलाल, देवानंद, आदर्श कुमार, अंबिका प्रसाद, मानसिंह,विवेक यादव, गरीब,मेवालाल, आशिक अली, रामचंद्र, रामकुमार, शीला, अनारकली, प्रभुदेवी, सरिता, गुजराती, सुशीला, अमरावती, आरती आदि रहे।

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