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मनकापुर:तिलहन उत्पादन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण संपन्न



गोंडा::आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा में संचालित रबी में तिलहन फसल उत्पादन तकनीक विषय पर पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण आज दिनांक 25 सितंबर 2023 को संपन्न हुआ । प्रशिक्षण के समापन अवसर पर केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर पीके मिश्रा ने तिलहनी फसलों के उत्पादन पर बल दिया । उन्होंने बताया कि तिलहनी फसल तोरिया की  वैज्ञानिक खेती कर किसान भाई ज्यादा आय प्राप्त कर सकते हैं ।  प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने तोरिया, सरसों अलसी की उन्नतशील प्रजातियां, बीज एवं बीज शोधन, खरपतवार प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन, उर्वरक प्रबंधन आदि की जानकारी दी । डॉक्टर अजीत सिंह वत्स वरिष्ठ वैज्ञानिक फसल सुरक्षा ने कीट एवं रोग प्रबंधन के लिए एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन को अपनाने की सलाह दी । उन्होंने बताया कि एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन  के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई, बीज शोधन एवं बीज  उपचार, समय पर फसल की बुवाई, संतुलित उर्वरकों का प्रयोग, खरपतवार प्रबंधन आदि कार्य बहुत महत्वपूर्ण हैं । उन्होंने बताया कि भूमि की तैयारी करते समय जैव फफूंदीनाशक ट्राइकोडर्मा पाउडर की एक किलोग्राम मात्रा को प्रति एकड़ की दर से 25 से 30 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर प्रयोग करने से  फफूंद जनित बीमारियों से फसल की सुरक्षा होती है । डॉक्टर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि फसल में कार्बनिक खादों जैसे सड़ी गोबर की खाद एवं कंपोस्ट खाद का प्रयोग करने से मिट्टी में जीवांश कार्बन की पर्याप्त मात्रा बढ़ जाती है । इससे फसलों की पैदावार अच्छी प्राप्त होती है । उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ तीन से साढ़े तीन कुंतल सड़ी गोबर की खाद का प्रयोग खेत की तैयारी करते समय करें । डॉक्टर दिनेश कुमार पांडेय ने जिप्सम के प्रयोग पर बल दिया । उन्होंने बताया की जिप्सम में कैल्शियम सल्फेट पाया जाता है । यह मृदा के पीएच मान को उदासीन बनता है । जिप्सम की एक कुंटल मात्रा प्रति एकड़ की दर से खेत की तैयारी करते समय प्रयोग करें । उन्होंने बताया कि मृदा परीक्षण की संस्तुति के अनुसार खाद एवं रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया जाना उपयुक्त होगा। प्रशिक्षण में प्रगतिशील कृषकों युवराज यादव,  राजमान मौर्य, समीर कुमार वर्मा, मुकुटधारी, जुगुल किशोर वर्मा, रामजन्म वर्मा आदि ने प्रतिभाग कर खेती की तकनीकी जानकारी प्राप्त की । प्रशिक्षण के समापन पर  प्रशिक्षणार्थियों को  बैंगन पौध निशुल्क वितरित की गई ।

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