जांच में कोटे की दुकान पर नौ बोरी चावल स्टाक में अधिक पाया गया
जनपद में पूर्ति विभाग अपने कारनामों को लेकर लगातार रहता है सुर्खियों में फिर भी साशन द्वारा नहीं होती है कोई कठोर कार्रवाई
पं बीके तिवारी
गोंडा। सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी जनपद गोंडा में खाद्यान्न की कालाबाजारी और घटतौली थमने का नाम नहीं ले रही है।ऐसे ही विगत मगंलवार को थाना क्षेत्र खोड़ारे अंतर्गत कालाबाजारी के लिए जा रहे राशन को ग्रामीणों की सूचना पर स्थानीय पुलिस ने पकड़ते हुए उच्चाधिकारियों को सूचित किया था। मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आते ही जब जांच हुई तो पूर्ति विभाग के कोटेदार द्वारा गड़बड़झाले की पुष्टि हुई। जिसके बाद थाना खोडारे में कोटेदार समेत दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जानकारी के मुताबिक पांच सितम्बर की रात को नान्हू नगर चौराहे पर मुकेश कुमार नामक व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा। जिसके पास से पुलिस ने चावल की दो बोरी बरामद कीं। बरामद चावल की यह बोरियां सरकारी प्रतीत हो रही थीं। जिसकी जानकारी होने पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने हरकत में आते हुए अधिकारियों को तत्काल जांच के निर्देश दिए। जांच में यह अनाज खाद्य एवं रसद विभाग का होने की पुष्टि हुई। पूछताछ के दौरान मुकेश कुमार पुत्र राम नरेश निवासी ग्राम पंचायत केशव नगर, बभनजोत ने बताया कि उसने यह चावल सुकरौली निवासी सनाउल्लाह से 1000 रुपये प्रति बोरी की दर पर खरीदा है। मुकेश की सूचना पर कोटेदार तहिरुनिशा पत्नी सनाउल्लाह की सुकरौली स्थित उचित दर की दुकान का जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया गया। जांच में नौ बोरी चावल स्टाक में अधिक पाया गया। इतना ही नहीं जांच में कार्डधारकों को निर्धारित मात्रा से कम मात्रा का वितरण किए जाने की बात भी पुष्ट हुई। यह पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई। जिलाधिकारी ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए एफआईआर के आदेश दिए। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने थाना खोडारे में कोटेदार तहिरुनिशा निवासी सुकरौली व क्रेता मुकेश कुमार के खिलाफ विधि संगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
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