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जियरा सांसत मा परा अहै...



कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्र के रानीगंज कैथौला बाजार में हिन्दी पखवाड़ा तथा श्रीगणेश उत्सव को लेकर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्र भाषा के उन्नयन में योगदान के लिए मनीषियों को सम्मानित भी किया गया। साहित्य सृजन मंच के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कवि नरेन्द्र निराश की सरस्वती वंदना से हुआ। आयोजक गीतकार सत्येन्द्र सिंह सौम्य की गणेश वंदना पर भी बड़ी संख्या में जुटे श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे दिखे। रायबरेली के श्याम मनमौजी ने पढ़ा-इंसान की कीमत उसकी जान से पूछो..। वहीं रामलगन यादव आशीष ने दोहों से कवि सम्मेलन को ऊँचाईयां प्रदान की। उन्होनें पढ़ा- इ गजब जमाना लाग अहय, बापौ से बेटवा भाग अहय..। गीतकार नरेन्द्र निराश का चला बादलों के पार मेरा पटना लोगों को खूब भाया। संगीतज्ञ डा. बच्चाबाबू वर्मा के भी लोकगीत लोगों की जुबां पर तैर उठे दिखे। अर्न्तराष्ट्रीय शायर एवं कवि डा. अनुज नागेन्द्र भी मंच के आकर्षण का केन्द्र दिखे। अनुज नागेन्द्र ने सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करते हुए जब पढ़ा-जियरा सांसत मा परा अहै, निकुरा से ऊपर पानी बा-घर घर कैे इहै किहानी बा पर खूब तालियां बजी। संचालक कवि कमलेश गिरि की देशभक्ति से ओतप्रोत रचनाएं भी समर्थन जुटाती दिखीं। अवधी के मशहूर कवि आचार्य अनीस देहाती ने राष्ट्र भाषा हिन्दी के उन्नयन की सशक्त रूपरेखा खींची। सत्येन्द्र सिंह सौम्य का बेटी संरक्षा पर गीत माहौल को भावुक कर गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सदानंद मिश्र ने हिन्दी भाषा को राष्ट्र भाषा के रूप में अंगीकृत किये जाने पर जोर दिया। आयोजन समिति द्वारा गौरीगंज रेलवे स्टेशन अधीक्षक प्रवीण कुमार सिंह तथा भगवताचार्य पं. सदानंद मिश्र को सम्मानित किया गया। आभार प्रदर्शन सह संयोजक शिवपूजन जायसवाल ने किया। इस मौके पर शिवप्रसाद जायसवाल, गुरूदीन केसरवानी, नंदलाल, प्रेमचंद्र, बाबूलाल, शिवराम, लकी सिंह, मालती देवी, बिहारी लाल, प्रेमकली, शांती देवी आदि रहे।

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