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एक ही साथ, एक ही कब्र में सदासर्वदा के लिए गुम हो गयी सगे भाईयों की मुस्कान...



कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। काल की निष्ठुरता तथा मासूमों की हंसी पर नियति के क्रूर चक्र ने दो सगे भाईयों को आपस में हंसते खेलते देख जाने कैसा खेल खेला। नियति शायद खुद भी अपने पर सोमवार को तरस खा रही होगी कि जिन मासूमों की हंसी ठिठोली एक साथ घर के आंगन में खुशियां चहका रही थी। वहीं मासूम हंसीठिठोली खामोशी का चादर ओढ़े एक ही साथ एक ही कब्र में सदासर्वदा के लिए गुमसुम हो उठीं...। सर्पदंश से एक ही परिवार के दो नौनिहालों की मौत को लेकर दूसरे दिन सोमवार को भी परिजनों को विलाप तथा रूदन में देखा गया। दो सगे भाईयों की हुई मौत को लेकर गांव में भी मातम का माहौल ज्यों का त्यों बना हुआ है। रविवार की देर रात हरियाणा से मृतक बच्चों के पिता वापस घर पहुंचे। सोमवार को दुखी परिजनों व ग्रामीणों के साथ बच्चों का गांव में ही एक ही कब्र में अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार के समय परिजन फूट फूट कर रोने लगे तो गांव के लोगों की भी आंखे भर आयी। सर्पदंश से दो सगे भाईयों की मौत से मां का कलेजा एक बार फिर शव उठने पर कांप उठा। उसे शायद अब भी नियति के इस क्रूरता के खेल का अहसास नहीं हो पा रहा था। बच्चों के शव से लिपट लिपट कर फूट फूट कर रो रही मां के आंसुओं की धार मानो विधाता से असहाय सवाल कर रहे हों कि गरीब की झोली में खुशियां आखिर किस अभिशाप से आज छिन गयी। पिता का दर्द भी अपने बुढ़ापे के एक साथ दो के दोनों सहारों के खुद बेसहारा होने को लेकर जैसे खुद को सांप सूंघ गया हो। क्षेत्रीय लेखपाल रवीन्द्र भी मौके पर पहुंचे और सर्पदंश से हुई मौतों की जानकारियां ली। बतादें लालगंज के धधुआ गाजन गांव में शनिवार की रात गांव के बबलू यादव के पुत्र अगम 08 तथा अर्नव 05 को सोते समय सांप ने काट लिया था। दोनों बच्चों की रविवार को सांसे थम गयी।

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