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धौरहरा के ऊंचगांव में डेंगू ने दी दस्तक,लोगों में दहशत,स्वास्थ्य विभाग बेख़बर

डेंगू की रिपोर्ट दिखाता युवक


कमलेश

धौरहरा खीरी:चिकित्सकों व ग्राम पंचायतों के जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण धौरहरा क्षेत्र में डेंगू ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिया है। डेंगू से पीड़ित ऊंचगांव निवासी एक मरीज को क़स्बा खमरिया से जिला मुख्यालय पर जाकर इलाज करवाने को कहा गया है, जिसकी जानकारी मिलते ही लोगों में जहां दहशत व्याप्त होने लगी है वही स्वास्थ्य विभाग बेख़बर है।

धौरहरा क्षेत्र में बरसात के दौरान गावों,कस्बों में फैली गंदगी में जन्में मच्छरों ने अब अपना असर दिखाते हुए बुखार समेत जानलेवा डेंगू  फैलाने का काम शुरू कर दिया है।  शनिवार को खमरिया में एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाने आये ऊंचगांव निवासी सोनेलाल (30) पुत्र ब्रजमोहन लाल मौर्य की हुई जांचों में डेंगू होने की पुष्टि हुई तो वह घबरा गया। फिर डॉक्टर ने सलाह देते हुए बताया कि वह तत्काल जिला मुख्यालय पर जाकर अपना इलाज शुरू करवा दे। सोनेलाल के हुई डेंगू की पुष्टि के बाद इसकी जानकारी जैसे ही आस पड़ोस के लोगों को हुई तो वह सकते में आ गए। बावजूद स्वास्थ्य महकमें की नींद अभी भी नही टूटी है। जिम्मेदार स्वास्थ्य महक़मा इसको लेकर कितना गंभीर है यह अस्पतालों की इमरजेंसी में हो रहे इलाज से साफ पता चल रहा है। वही शासन के शख्त आदेशों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ड़ेंगू जैसी घातक बीमारी को नजरअंदाज कर अपना पल्ला झाड़ रहा है। यही नहीं इसके अलावा ऊंचगांव समेत आस पड़ोस के गांवों में बुखार के मरीजों की बढ़ती संख्या से यही प्रतीक हो रहा है कि डेंगू मलेरिया जैसी घातक बीमारी कब अपने पैर पसार दे इसका कोई अंदाजा नहीं है। वहीं धौरहरा समेत ईसानगर,खमरिया क्षेत्र में इसी तरह घातक बीमारी फैलने को लेकर जहां पूर्व वर्ष मे स्वास्थ्य विभाग व अन्य जिम्मेदारों ने तेजी से पूरे ब्लॉक में काम करते हुए ब्लीचिंग पाउडर सहित मच्छरों को कम करने वाली गंबूसिया मछली को गांवों तक पहुँचा कर व फागिंग करवाकर कुछ हद तक राहत पाई थी पर इस बार क्षेत्र के किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर गम्बूसिया मछली तो दूर ब्लीचिंग पाउडर तक का दर्शन नहीं करवाया गया। वही गावों कस्बों की तो बात ही करना बेकार है। जिसके चलते कस्बों से लेकर गावों तक मच्छरों का बढ़ा प्रकोप अब घातक बीमारियों में तब्दील होने लगा है। समय रहते डेंगू से बचाव के उपाय युद्ध स्तर पर न किए गए तो पूरे क्षेत्र में डेंगू समेत अन्य घातक बीमारी फैलने में देर नहीं लगाएगी।इस बाबत जब जानकारी की गई तो पता चला कि इस वर्ष अभी तक केंद्रों पर ब्लीचिंग पाउडर तो दूर क्लोरीन की गोलियां तक नसीब नहीं हुई है। साथ ही बताया कि गावों में मच्छर रोधी दवाई व फागिंग करवाने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को दी गई है जो अपनी जिम्मेदारी को लेकर चुप्पी साधे हुए है। वही इस बाबत जब सीएचसी प्रभारी धौरहरा डॉ.पंकज कुमार शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि क्षेत्र में डेंगू से पीड़ित कोई भी मरीज नहीं है। स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें क्षेत्र में डेंगू से बचाव के लिए प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक कर रही है। गांवों में साफ सफाई व दवा छिड़काव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है।

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