रमेश कुमार मिश्रा
गोंडा:हर वर्ष करोडो रूपये पानी की तरह बहा कर सरकार धरती पर हरियाली लाने का अभियान चलाती है, दूसरी तरफ वनविभाग की मिली भगत से लकडी के ठेकेदार हरे पेडो पर धड़ल्ले से आरी चलवाते हैं। बिना परमिट के चोरी चुपके अवैध कटान की जब सूचना मिलती है तो कार्यवाही के नाम पर सौदा किया जाता है। इन्ही वजहों से अब ठेकेदार बिना किसी डर और परमिट के आरा चलवा कर हरे पेड़ों को धराशायी कर रहे हैं।
धानेपुर थाना क्षेत्र में गुरूवार की शाम पूरबगली के कालीकुण्ड मोहल्ले में लगे नीम वा हरे आम का पेड़ काटा गया, जिसकी जानकारी वन विभाग के किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी को नही है।इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रो में बिना परमिट अवैध रूप से हरे पेड़ धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं।
जिस पर अंकुश लगाने में वन विभाग पूरी तरह विफल दिखाई दे रहा है। देसी आम अथवा नीम का पेड़ कटान के लिए प्रतिबंधित है, बावजूद इसके लकड़ हारों द्वारा दो हरे आम वा एक नीम का पेड़ काट कर गिरा दिया गया, मौके से ट्रैक्टर ट्राली पर लाद कर लकड़ी उठा ले गए।
प्रतिबंधित पेड़ काटे जाने के मामले में थानाध्यक्ष सत्येंद्र वर्मा ने कहा है की वन विभाग अथवा अन्य किसी के द्वारा शिकायत नही की गयी है। लिखित शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जायेगी।
मिली जानकारी के अनुसार जिस भूमि पर तीनो प्रतिबंधित पेड़ लगे थे उस भूमि की प्लाटिंग करने के लिए जमीन की खरीद फरोख्त हुयी है। जमीन खरीदने वाले ने पेड़ कटवा देने के बाद ही जमीन का पैसा देने का वादा किया था, इसलिए जिन्होंने अपनी जमीन बेचीं है उन्ही के द्वारा पेड़ कटवाया गया है।
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