रमेश कुमार मिश्रा
उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद में डेंगू को लेकर हाहाकार मच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अपने सभी फील्ड वर्कर को सक्रिय करते हुए गांव में जाकर ग्रामीणों को डेंगू के प्रति जागरुक करने की जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने राहत भरी बात बताई है। उन्होंने यह भी बताया है कि कब थोड़ा चिंता का विषय होता है।
अकेले गोंडा जिले में अब तक डेंगू के अब तक 79 मरीज मिले हैं। डेंगू से अभी तक किसी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ग्रामीणों को डेंगू के प्रति जागरुक करने में जुटे हैं। अगर किसी को किसी भी तरह का बुखार आता है तो तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, पर जाकर जांच कराये। डेंगू होने पर घबराने की जरूरत नहीं, सिर्फ सावधानी अपनाते रहें, और इलाज कराये।
बरसात के कारण जगह-जगह पर जल भराव होने से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जनपद में डेंगू के 79 मरीज तथा मलेरिया के पांच मरीज पाए गए हैं। सभी मरीजों का अस्पताल में इलाज जारी है। जिसमे से अधिकांश मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। जिले में डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है। डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है। सभी फील्ड कर्मचारियों को गांव में जाकर लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। उन्हें बुखार से पीड़ित कोई मरीज मिलता है तो मरीज को तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर जांच कराने के लिए निर्देशित किया गया है। जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर उसका सेंपल जांच के लिए भेजा जाता है। मरीज को डेंगू होने पर सिर्फ प्लेन पेरासिटामोल की दवा दी जाती है। डॉक्टर के मुताबिक अन्य दवाएं जहां तक हो सकता है, नहीं दी जाती है। डेंगू का लारवा फ्रेशवाटर में पनपता है। ऐसे में हमें अपने घरों के आसपास जल का जमाव नही होने देना है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रहे कि यदि कूलर का उपयोग कर रहे हैं तो उसका पानी बदलते रहे। वर्तमान समय में जिला अस्पताल में सिर्फ दो मरीज डेंगू के भर्ती है। रात में सोते समय बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें। डेंगू का मच्छर अक्सर दिन में डंक मारता है। ऐसे में हमें अपने बदन को कपड़ों से ढके रहना चाहिए।
बोली सीएमओ
मुख्य चिकित्साधिकारी रश्मि वर्मा ने बताया कि जिले में डेंगू के 79 केस आए हैं। वर्तमान में सिर्फ दो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। सबसे खुशी की बात यह है कि सभी लोग ठीक हो गए हैं। मलेरिया के कुल पांच मरीज आए हैं। सभी मरीज की हालत ठीक है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी फील्ड वर्कर को निर्देशित किया गया है कि क्षेत्र में जाकर बुखार का किसी भी तरह का मरीज हो उसको तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाकर जांच कराये। यदि किट की जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो जांच के लिए उसका सैंपल जिला मुख्यालय मंगाया जाता है। मरीज को दवा में प्लेन पेरासिटामोल दिया जाता है। बाकी दवाइयां नहीं दी जाती है। प्लेटलेट्स को लेकर उन्होंने बताया कि अगर बॉडी में प्लेटलेट्स काउंट 20 हजार से कम होता है। तब चिंता का विषय है।ज्यादातर मरीज 80 और 90 हजार प्लेटलेट्स काउंट होने के बाद भी घबराने लगते है। ऐसे में घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है। उन्हें शांति पूर्वक आराम करने के साथ-साथ अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ