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नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर मोदी सरकार की नीति और नियति दोनों साफ नहीं, यह जनता को भ्रमित करने का छलावा:मोना



अभय शुक्ला 

लालगंज, प्रतापगढ़। प्रदेश कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता एवं रामपुर खास विधायक आराधना मिश्रा मोना ने मोदी सरकार द्वारा संसद में लाए गए नारी शक्ति वंदन अधिनियम को केन्द्र सरकार का जुमला करार दिया है। उन्होनें कहा कि यदि मोदी सरकार की महिला आरक्षण के इस कानून को लेकर नीति और नियति साफ थी तो इसे 2024 के होने वाले लोकसभा चुनाव में ही लागू होना चाहिए था। सीएलपी नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस विधेयक में यह कहा है कि कानून अधिसूचित होने तथा परिसीमन के बाद ही आरक्षण लागू किया जाएगा। उन्होने सवाल उठाया कि जब अभी 2021 की जनगणना पूरी नही हुई है और इसके 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है तब यह साफ है कि यह आरक्षण विधेयक वर्ष 2029 के लोकसभा चुनाव में ही लागू हो पाएगा। उन्होनें कहा कि परिसीमन अधिसूचना के बाद महिलाओं के लिए इस विधेयक के जरिए एक तिहाई अर्थात तैतीस प्रतिशत आबादी की सीट आरक्षित होने पूरी तरह से इस विधेयक को भविष्य के अंधकार में ढकेल दिया जाना है। कांग्रेस नेत्री आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भाजपा का लोकसभा में पूर्ण बहुमत है और राज्यसभा में भी उसका एवं उसके सहयोगियों का बहुमत है और इससे ज्यादा कांग्रेस पार्टी विधेयक का मजबूत समर्थन कर रही है तो फिर इस विधेयक को मात्र राजनीतिक स्टंट क्यूं बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि इससे यह साफ जाहिर है कि यह देश की पचास प्रतिशत आबादी के साथ धोखा और छलावा है। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता मोना ने वर्ष 2010 में सोनिया गांधी की पहल पर यूपीए सरकार द्वारा महिला आरक्षण विधेयक लाए जाने और राज्यसभा में इसके पास होने को कांग्रेस का बड़ा दूरदर्शी कदम भी कहा है। उन्होनें कहा कि महिला आरक्षण विधेयक इसलिए आवश्यक है ताकि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का सशक्त प्रतिनिधित्व उनकी आवाज संसद भवन और विधानसभा में भी मजबूती से पहुंच सके। उन्होने कहा कि यदि विधेयक फौरन प्रभावी होता तो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में बनने वाले कानून पर महिलाओं के भी उनसे जुडी सुरक्षा तथा सामाजिक और आर्थिक तथा राजनैतिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित हो जाती। सीएलपी नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि जिस तरह दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने त्रिस्तरीय पंचायती राज में महिलाओं को तैतीस प्रतिशत आरक्षण देकर उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया और उसका सुखद नतीजा यह सामने आया है कि आज लाखों महिलाएं पंचायतीराज आरक्षण के कारण ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख एवं जिला पंचायत में सशक्त प्रतिनिधित्व कर रही है। उन्होनें कहा कि भाजपा आखिर क्यूं इस विधेयक को लेकर टालू नीति अख्तियार कर रही है। आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट मत रहा है कि उसने तैंतीस प्रतिशत महिलाओं का आरक्षण पंचायतीराज में भी सुनिश्चित किया था और यह आरक्षण विधेयक कांग्रेस पहले ही संसद में ला चुकी थी। उन्होने स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन कर रही है। वहीं सीएलपी नेता आराधना मिश्रा ने भाजपा पर एक और कटाक्ष किया कि जब कांग्रेस पार्टी इस विधेयक को लायी थी तो भाजपा ने इस विधेयक का क्यों विरोध किया था। उन्होने कहा कि आज जब भाजपा स्वयं इस विधेयक को लायी है तो वह बताये कि उसे अनिश्चितता की ओर क्यूं ढ़केल दिया गया है। आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि यह भाजपा के दोहरे चरित्र और उसकी महिला विरोध संकीर्ण विचारधारा का प्रतीक है। वहीं उन्होनें विधेयक को लेकर भाजपा की नियति पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे सत्तारूढ़ बीजेपी का चाल चरित्र और चेहरा देश के सामने उजागर हो गया है। उन्होने कहा कि बेहतर होता कि यह विधेयक तत्काल लागू किया जाता जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव तथा जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं वहां भी इसका लाभ मातृशक्ति को मिलता। उन्होनें नारी शक्ति वंदन विधेयक को पारदर्शिता के साथ केन्द्र से फौरन लागू किये जाने पर जोर दिया है। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने भाजपा पर महिला आरक्षण के मुददे पर एक और कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि देश जानता है कि जब पंचायतीराज संशोधन विधेयक पेश हुआ था और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग की महिलाओं को आरक्षण का विधेयक के जरिए लाभ मिलने वाला था तब यह विधेयक भाजपा के खिलाफ वोट के कारण राज्यसभा में मात्र एक वोट से गिर गया था। उन्होनें कहा कि महिला आरक्षण को लेकर मोदी सरकार का विधेयक लाना केवल सत्ता की पराजय से बचाव के लिए जनता को भ्रमित करने का प्रयास मात्र है। उन्होनें यह भी तंज कसा कि इतिहास साक्षी है कि भाजपा ने अब तक महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महिला प्रधानमंत्री नही बनाया है। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना का यह बयान बुधवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत किया गया है।

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