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BALRAMPUR...पायनियर पब्लिक स्कूल में प्रतियोगिताओं का आयोजन



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 14 सितम्बर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, में ‘हिन्दी दिवस‘ मनाया गया। ‘हिन्दी दिवस‘ के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी नें बताया कि साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो देश के सामने एक राजभाषा के चुनाव को लेकर सबसे बड़ा सवाल था ।


भारत में हजारों भाषाएं और सैकड़ों बोलियां बोली जाती है । इसे ध्यान मे रखते हुए 14 सिंतंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में चुना गया । इस दिन से प्रत्येक वर्ष 14 सिंतंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है । डॉ0 राजेन्द्र सिंह जी हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार थे जिन्होनें हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाने की दिशा में अतिमहत्वपूर्ण योगदान दिया। फलस्वरूप इनके 50वें जन्मदिन के अवसर पर अर्थात 14 सिंतम्बर 1949 को हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया और तभी से हर वर्ष इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ यह भी बताया कि हिंदी हमारे स्वाभिमान और गर्व की भाषा है। हिंदी ने हमें एक नई पहचान दिलाती है । यह संपूर्ण भारत में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिंदी विश्व की सबसे प्राचीन, सरल और समृद्ध भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे स्थान पर आती है । यह भारतीय संस्कृति और संस्कारों की परिचायक माना जाता है।
‘हिन्दी दिवस‘ के अवसर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम, कविता पाठ, कला एवं भाषण का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत एक सुन्दर लघु नाटिका प्रस्तुत की गयी जिसमें अ से लेकर औ तक स्वरों के नाम से छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। जिसमें यशवी, आव्या, मरियम, रिया, मानविक, मेधावी, तनय, रत्नप्रिया, सौम्या, श्रृष्टि एवं अनुष्का ने बडे ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। इसी क्रम में कविता पाठ में सर्वप्रथम पहली बूँद धरती पर आयी नामक कविता को आराध्या पाण्डेय एवं अलीशा ने अपने-अपने कला का प्रदर्शन किया तथा मंदिर-मस्जिद, गिरिजाघर नामक कविता को सबा एवं आशिता ने सुन्दर ढंग से गाया। कला प्रतियोगिता में पलक, श्रृद्धि, सिदरा, सबनूर, श्रेष्ट आदि बच्चों ने सुन्दर-सुन्दर कला का प्रदर्शन किया। भाषण के अन्तर्गत कक्षा-6 से कद्वा-9 तक के छात्र-छात्राओं में दानिया, आराध्या, आस्था, नैनसी, सुभिक्षा, ईशान, अनमोल, विशाल, मानिक, प्रेम भूषण, नैतिक, दिव्यांस, आयुश, साजन, वेदासं, प्राकेत, शिवांसु, तनमय, अरित्र, देवांश, वैष्णवी, अदिती एवं पूर्वी ने हिन्दी दिवस के बारे में अपना-अपना विचार प्रस्तुत किया। अन्त में ‘हिन्दी दिवस‘ के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 तिवारी ने छात्र-छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम, कविता पाठ, कला एवं भाषण को देखकर तालियों से स्वागत किया और उनका उत्साहवर्धन करते हुए बताया कि यह वह समय था जब हिंदी भाषा में भारतेंदु और प्रेमचंद जैसे महान सूर्यो का उदय हुआ, इसके साथ भारत के आजादी में भी हिंदी भाषा का काफी महत्व रहा है, चाहे वह आजादी के लिए तैयार किए गये हिंदी नारे हो या फिर देशभक्ति कवितांए सभी ने देश की जनता के ह्दयों में क्रांति की ज्वाला को भरने का कार्य किया। यही कारण था कि हिंदी को जन-जन की भाषा माना गया और आजादी के पश्चात इसे राजभाषा का दर्जा मिला। इस अवसर पर विद्यालय, उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, संतोष श्रीवास्तव, अध्यापकगण राघवेन्द्र त्रिपाठी (एक्टीविटी इंचार्ज), सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं नें बच्चों के मनमोहक कार्यक्रम को देखकर सराहना की तथा बच्चों को प्रोत्साहित किया ।

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