अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 14 सितंबर को नगर स्थित डिवाइन पब्लिक स्कूल जो कि अपनी पढ़ाई के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की मूलभूत ढांचा को भी संजोय रखता है, वह बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल होने के बावजूद भी आज अपने संस्कृति से जोड़ रखा है उसी के तहत हिंदी दिवस के अवसर पर स्कूल ने विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का विद्यालय में आयोजन कराया गया ।
कार्यक्रमों में काव्य पाठ, हिंदी नाटक, पेंटिंग, प्रमुख रूप से शामिल हैं । काव्य पाठ में स्कूल के बच्चों के साथ-साथ स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक व अध्यापिकाओं ने भी भाग लिया । क्लास 7 के बच्चों ने इस अवसर पर एक हिंदी नाटक प्रस्तुत किया जिसमे वाकई में हमारे हिंदी के महत्व को समझा दिया ।
इंग्लिश मीडियम स्कूल अपने इंग्लिश के आगे हमारी मातृभाषा को भूलते जा रहे हैं, वहीं पर नगर स्थित डिवाइन पब्लिक स्कूल अपने अंग्रेजी के साथ-साथ अपनी मातृभाषा पर भी पूरी पकड़ बनाए रखा है । डिवाइन के प्रबंधक आशीष उपाध्याय ने बच्चों को बताया कि हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है. हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए. हमें इसे सीखना, उसका सदुपयोग करना, और उसका संरक्षण करना चाहिए. हमें हिंदी की बढ़ती उपयोगिता को समझना चाहिए, ताकि हम अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त कर सकें और इसके साथ-साथ उन्होंने काव्य पाठ भी किया अपने बच्चों का अध्यापकों के सामने तुम मुझको कब तक रुकोगे शीर्षक की कविता पढ़ कर बच्चों को सुनाइए और लोहा जितना तपता है उतनी ही ताकत भरता है की काव्य पाठ भी किया जिनकी बातें सुनकर के स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं का भी प्रभावित हुई इसी क्रम में प्रियंका कनौजिया व पल्लवी शुक्ला ने भी काव्य पाठ के माध्यम से बच्चों को जोड़ा इसके अतिरिक्त 50 छात्राओं ने अपनी बात रखी । उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि हम भारतीय हैं और हमारी मातृभाषा हिंदी है । हमें हिंदी बोलने में किसी भी प्रकार का कहीं कोई संकोच नहीं है । हम अन्य भाषाओं को अवश्य सीखेंगे लेकिन उन भाषाओं को सिखाने में अपनी मातृभाषा को हम कभी नहीं भूलेंगे। डिवाइन पब्लिक स्कूल बहुत ही कम समय में शहर में इंग्लिश मीडियम स्कूल का एक बड़ा नाम बनकर उभरा है लेकिन उसके कार्यक्रमों को देखने से पता चलता है कि जहां वह इंग्लिश को वरीयता दे रहा है वहीं पर अपनी मातृभाषा व संस्कृति को भी सीखाने में वह कभी पीछे नहीं रहता चाहे कोई त्यौहार हो या कोई और अवसर हो बच्चों को एक नई सीख देने की यह विद्यालय हमेशा कोशिश करता है। जब यह सारे कार्यक्रम हो रहे थे उसे समय डिवाइन पब्लिक स्कूल के हजारों बच्चे उसमें पढ़ाने वाली अध्यापिकाएं जैसे पल्लवी मिश्रा, उषा चौहान, सुधा, शालिनी, शशांक, आदर्श, के के पाठक, सुनीता, पूजा, जूली पांडे, आराधना सिंह, श्रेया तिवारी, प्रियंका कनौजिया निहारिका श्रीवास्तव, उजमा शेख स्वामी शुक्ला द्राक्ष श्रेष्ठ गुप्ता अंजनी सुमन मिश्रा सुरभि पांडे प्रियंका सांची मिश्रा आरती नेहा नैंसी गुप्ता सहित अध्यापक व अध्यापिकाएं उपस्थिति रही
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ