Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

आंवले की खेती में आने वाली चुनौतियों एवं समाधान विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन, जानिए कैसे निपटे ऐसे परिस्थित से



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़। ऑंवले की खेती में आने वाली चुनौतियों एंव समाधान विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन तुलसी सदन (हादीहाल) में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ डॉ0 पंकज तित्राठी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ0 त्रिपाठी ने कहा कि आवंले का प्राकृतिक रूप से ऊसर भूमि सुधार पर सकरात्मक प्रभाव पड़ा, साथ ही जिप्सम के प्रयोग से भूमि में सुधार हुआ। उन्होने एफ0पी0ओ0 से संबधित कृषकों की समस्त प्रकार की समस्याओं का समाधान एफ0पी0ओ0 शक्ति पोर्टल से करने की सलाह दी गई। तत्पश्चात राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के निदेशक डॉ0 अरूण चन्दन ने पर्यावरणीय आपदा से जूझ रहे कृषकों को राहत देने एंव प्राकृतिक खेती के विस्तार हेतु विस्तृत चर्चा की, साथ ही कृषकों को ई-चरक एप के विषय में जानकारी प्रदान की गयी। डॉ0 पी0के कनौजिया उप निदेशक रहमान खेड़ा ने ऑंवले की खेती के साथ-साथ इण्टर क्रापिंग जैसे-तुलसी, अश्वगंधा, कालमेघ आदि की खेती करने पर जोर दिया। जिला उद्यान अधिकारी सुनील शर्मा ने विभाग में संचालित योजनाओं के विषय में एंव विभाग द्वारा देय अनुदान के विषय में विस्तार से चर्चा की, नर्सरी में उपलब्ध ऑंवले की प्रजाति एन-7, एन-10 लगाने के सुझाव दिये, साथ ही अमरूद, पान, मशरूम की खेती एंव मधुमक्खी पालन का सुझाव दिया। जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक गोपाल शेखर झा द्वारा फसल बीमा, के0सी0सी0, एंव ऑंवला की खेती हेतु एक जिला एक उत्पाद के अन्तर्गत बैंक द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे ऋण के विषय में जानकारी दी गई।कार्यशाला में जिलाधिकारी ने पारम्परिक खेती के साथ व्यवसायिक खेती, कम भूमि पर अधिक उत्पादन कर अधिक लाभार्जन पर प्रकाश डाला गया। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया भी उपस्थित रही। ऑंवला उत्पादन से जुड़े अच्छे कृषकों, उद्यमियों, मण्डी के व्यवसायियों, ऑंवला प्रसंस्करण से जुड़े व्यवसायियों एंव न्यू स्टार्ट अप के प्रतिनिधियों द्वारा कार्यशाला में प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में ऑंवला से संबधित प्रदर्शनी/स्टाल लगाकर प्रतिभाग करने वाले कृषकों को ऑंवला उत्पादन में आने वाली चुनौतियों के समाधान हेतु विस्तृत जानकारी प्रदान की गई तथा कार्यशाला से संबधित समस्याओं के समाधान हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया गया। उप कृषि निदेशक विनोद कुमार यादव द्वारा एक जिला एक उत्पाद में जिले की कृषि उत्पाद ऑंवला को वैश्विक पहचान मिल गई है, भारत सरकार के बौद्विक संपदा अधिकार प्राधिकरण ने प्रतापगढ़ के आंवला को जीआई टैग प्रदान कर दिया है। ऑंवला उत्पादक कृषकों वीरेन्द्र प्रताप सिंह, उत्कृष्ट पाण्डेय गंगा सागर, हवलदार सिंह, शिव बहादुर सिंह अंजनी कुमार सिंह द्वारा अपना-अपना सुझाव एंव समस्याओं के विषय में अवगत कराया गया जिसमें प्रमुख समस्या मण्डी विपणन एंव उचित मूल्य न मिलने से है। इस मौके पर प्रगतिशी कृषकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन एस0के0सिंह सलाहकार द्वारा किया गया इस मौके पर कृषि विभाग के समस्त अधिकारी एंव कर्मचारी मौजूद रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

5/vgrid/खबरे