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नवाबगंज पहुंचे आईजीजोन गोरखपुर, ग्राम प्रधानों से की मुलाकात, जानिए फिर क्या हुआ



पं श्याम त्रिपाठी 

 गोंडा।नवाबगंज क्षेत्र के प्रधान स्थानीय पुलिस के बीच आपसी सहयोग और विश्वास से काम करना चाहिए। सभी को अपने प्रतिष्ठानों व सार्वजनिक क्षेत्र में सीसीटीवी लगाना आवश्यक है आपरेशन त्रिनेत्र तहत उक्त बाते आईजीजोन गोरखपुर अखिल ने क्षेत्र के बालापुर गांव के एक विद्यालय मे जनता चौपाल के दौरान व्यक्त किया। इस दौरान विद्यालय परिवार व भाजपा नेता रवि श्रीवास्तव ने एडीजी जोन सहित सभी का बुके देकर स्वागत किया ।चौपाल के दौरान स्थानीय पुलिस चौपाल स्थल से बाहर किसी को अंदर तक नही जाने दिया, कुछ फरियादी चौपाल तक नही पहुंच पाये और वह मायूस नजर आये।

मिली जानकारी अनुसार क्षेत्र के बालापुर गांव के एक निजी विद्यालय मे आईजी जोन गोरखपुर अखिल कुमार अपने मताहतो के साथ जन चौपाल मे आकर मौजूद लोगों से संवाद स्थापित कर पुलिस व जनप्रतिनिधियों के बीच काम करने के लिए पुल बनाने का प्रस्ताव रखा। इस दौरान आईजी ने उपस्थित क्षेत्र के प्रधानों से सार्वजनिक स्थानो पर सीसीटीवी लगवाने व्यापारिक प्रतिष्ठानों सहित अन्य जगहो पर सीसीटीवी लगावाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान पुलिस की मित्र पुलिस की भूमिका पर भी अपने विचार रखे, फत्तेपुर गांव प्रधान प्रतिनिधि महादेव सागर व दुर्गागंज प्रधान रग्घू यादव ने अयोध्या की तरफ जाने वाले मार्ग पर यातायात की समस्याओं को लेकर अपनी बात रखा, आये दिन सडक मार्ग बंद रहता है। वही आमजनमानस को आवागमन की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । पुलिस व प्रधानों के बीच हर 15 दिन बैठक सुनिश्चित करने के लिए प्रधानों ने अपनी बात रखा। जिससे जनता की समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस दौरान कटराभोगचंद प्रधान प्रतिनिधि सुभाष यादव, इस्माइलपुर पुत्तन यादव, यदुनंदन यादव, बालापुर प्रधान प्रतिनिधि रिशू श्रीवास्तव, कनकपुर विपिन सिंह, कल्याणपुर पिंटू सिंह सहित पुलिस विभाग के तमाम आला अधिकारी व आम जनमानस मौजूद रहे। 

मायूस लौटे फरियादी

बालापुर मे एडीजी जोन की शनिवार को लगी जन चौपाल के दौरान जनचौपाल स्थल के बाहर फरियादी अपनी बात रखने के लिए डटे रहे पर कडी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उन्हें स्थानीय पुलिसकर्मियों ने अंदर तक नही जाने दिया। स्थानीय लोगों की माने तो स्थानीय पुलिस के जवानों का आज रवैया नया नही है अक्सर वह जनता को अधिकारियों से मिलने नही देते हैं। उम्मीदों के साथ आये थे लेकिन ना तो साहब रुके, और न ही पुलिसकर्मियों ने अंदर जाने दिया। हमारी समस्या जस की तस बनी रही। एक उम्मीद जगी थी लेकिन वह भी नाउम्मीद रही । साहब चौपाल मे जनता के बीच संबंधों को बनाने पर जोर देते रहे, वही बाहर फरियादियो को मिलने तक नही दिया गया।

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