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भारत के इतिहास में स्वर्णिम गौरव का दिन 29 सितम्बर



आनंद गुप्ता 

महराजगंज रायबरेली विद्या भारती विद्यालय स्वदेश सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज महराजगञ्ज की वन्दना सभा में आज के गौरवशाली स्वर्णिम इतिहास की चर्चा करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य वीरेन्द्र वर्मा ने बताया कि 29 सितम्बर वर्ष 2016 ये वो दिन था जब भारतीय सेना के वीर जाबाजों ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था। ये वो दिन था जब भारतीय सेना ने पाक सीमा में घुस कर *'सर्जिकल स्ट्राइक'* को सफलता पूर्वक अंजाम दिया था, और ये वहीं दिन था जब भारत के वीर जवानों ने अपने सोते हुए निहत्थे जवानों की शहादत का बदला लिया था। इसी वर्ष 18 सितम्बर 2016 को ही जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में तड़के 5 बजे ही आतंकियों ने हमारे राष्ट्र रक्षक सोते-निहत्थे सैनिकों के ऊपर हमला कर दिया था। इस कायराना हमले में हमारे 18 जवान शहीद हुए थे। इस  हमले के महज 11 दिन के बाद भारत ने पाक सीमा में घुस कर इस 'सर्जिकल स्ट्राइक' को अंजाम दिया. जिसमे कई आतंकी कैंपों को तहस-नहस कर दिया था। इस शौर्य पूर्ण घटना के बाद दुनिया ने हमारे राष्ट्र भारत का लोहा माना था। दुनिया के सभी देश जान गए कि आज का भारत विनम्र वार्ता शैली का तभी तक समर्थक है जब तक दूसरा पक्ष भी विनम्रता से पेश आए। यह बदलाव का भारत बदला लेना भी जानता है घर में घुस कर भी मारता है। स्वयं को दुनिया का दरोगा मानने वाला देश भी भारत का पक्षधर हो गया। आज हम सभी को भारत के बदलाव पर गर्व करने का मौका मिला है परन्तु हम सब अपने हिस्से के भारत को कैसे महान बना सकते हैं ? इस तथ्य पर अन्तर्मन से मन्थन करना होगा, आप जो भी सोचते हो सब कुछ बनना सम्भव है कहते हैं न *मान लो तो हार है और ठान लो तो जीत...*  तो बस ठान लो अपना लक्ष्य और जीत हासिल करके अपने हिस्से के भारत को महान बना डालो।

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