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क्या आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में दुबारा हैट्रिक लगा पाएंगे पंकज या विपक्षी एका से बदलेगी फिजा? अब तक के चुनावों में शानदार रहा उनका प्रदर्शन



उमेश तिवारी

महराजगंज: आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां अभी से शुरू हो गईं है। चुनाव होने को अभी सात महीने और शेष हैं। महराजगंज के सांसद और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने अभी से क्षेत्र का तूफानी दौरा शुरू कर दिया है और अपने द्वारा कराए गए विकास कार्यों को जन- जन को बताने का कार्य भी कर रहे हैं। अभी तक के चुनावों में उनका बेहद शानदार प्रदर्शन भी रहा है। पंकज चौधरी अब तक 6 बार चुनाव भी जीत चुके हैं जिनमें एक बार हैट्रिक भी लगा चुके हैं। हर बार के चुनावों में उनका मत प्रतिशत भी बढ़ता ही रहा है। ऐसे में इस बार क्या वह हैट्रिक लगा पाएंग या विपक्षी एकता से फिजा बदल सकती है यह एक बड़ा सवाल है।

बताते चलें कि साल 1989 में गोरखपुर जनपद से अलग होकर महराजगंज जिला बनाया गया। महराजगंज अब तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में गिना जाता रहा है। बीते 60 सालों में इस क्षेत्र की किसी ने सुधि नहीं ली। यह जिला विकास के लिए अपने आंसू बहा रहा था। साल 2014 के बाद इस जिले के विकास को मानो पर लग गया और इसका पूरा का पूरा श्रेय सांसद और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को जाता है। ऐसा यहां के लोगों का मानना है। ऐसा नहीं है कि इस जिले में अन्य दलों के सांसद नहीं हुए पर उन लोगों ने इस जिले को हमेशा उपेक्षित रखने का कार्य किया। यहा चार बार कांग्रेस के भी सांसद थे केन्द्र में उनकी सरकार भी थी पर उन्होंने सरकार के समक्ष ठीक ढंग से यहां के पिछड़ेपन का जिक्र सदन के पटल पर नहीं किया इसी वजह से यहां का विकास रूका रहा। 

बता दें कि आजादी के बाद वर्ष 1952 में हुए पहले आम सभा चुनाव में प्रोफेसर शिब्बन लाल सक्सेना इस क्षेत्र से पहली बार निर्दल प्रत्याशी के रूप में सांसद निर्वाचित हुए थे। भारत-नेपाल की सीमा पर बसे यूपी के महराजगंज लोकसभा क्षेत्र का समृद्ध प्रजातांत्रिक इतिहास रहा है। आजादी के बाद इस सीट से छह बार चुनाव जीतने का रिकार्ड भाजपा सांसद और वर्तमान केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी के नाम है। उनके पहले पूर्वांचल के गांधी के रूप में मशहूर सिब्बन लाल सक्सेना महराजगंज सीट से चार बार सांसद निर्वाचित हुए थे। हर्षवर्धन और महादेव प्रसाद दो-दो बार यहां से निर्वाचित होकर लोकसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे थे। लेकिन पिछले तीन दशक की राजनीति पर गौर करें तो विपक्ष केवल दो बार ही भाजपा में इस गढ़ में सेंध लगा पाया। छह बार के सियासी सफर में पंकज चौधरी एक बार जीत का हैट्रिक लगा चुके हैं। उनके समर्थक इस बार इसे दोहराने का दम भर रहे हैं जबकि विपक्ष बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए बिखरी ताकत को एकजुट करने की कोशिश में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां अपनी साख को बरकरार रख पाएगी या फिर विपक्षी एका कोई नया गुल खिलाएगा।

कभी कोशल राज्य का अंग रहे चुके इस क्षेत्र में नवाबों के दौर के पहले राजपूत राजाओं का शासन था। इस धरती का इतिहास भगवान बुद्ध के ननिहाल से भी जुड़ा है। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत में जहां इस इलाके के लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सेदारी की वहीं आजादी के बाद प्रोफेसर से नेता बने स्वतन्त्रता सेनानी सिब्बन लाल सक्सेना की अगुवाई में महराजगंज की धरती ने संघर्ष का फलसफा ठीक से सीखा। आजीवन अविवाहित रहे सिब्बनलाल सक्सेना जीवन भर दलितों, शोषितों के उत्थान के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने इस सीट से चार बार जीत हासिल कर एक रिकॉर्ड बनाया था जिसे मौजूदा सांसद पंकज चौधरी ने छह बार जीतकर तोड़ दिया। सिब्बन लाल सक्सेना को आज भी महराजगंज की धरती एक मसीहा के तौर पर याद करती है। आजादी के बाद वर्ष 1952 में हुए पहले आम सभा चुनाव में वह पहली बार निर्दल प्रत्याशी के रूप में सांसद निर्वाचित हुए थे। दूसरे चुनाव में भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरे और जीत हासिल की। 1971 में भी निर्दल और अंतिम बार 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर रघुबर प्रसाद को हराकर सांसद बने। उनका निधन 20 अगस्त 1984 को हुआ ।

नब्बे के दशक में भाजपा ने बनाई पैठ

1990 के बाद यहां की राजनीति में भाजपा ने पैठ बना ली। तबसे अब तक यहां हुए आठ लोकसभा चुनाव में भाजपा को छह बार जीत मिली। इस बीच एक बार कद्दावर नेता स्व. हर्षबर्धन ने कांग्रेस के टिकट पर तो एक बार कुंवर अखिलेश सिंह ने सपा के टिकट पर जीत हासिल कर भाजपा के विजय को रोका। अब केन्द्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार है और महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री हैं।

विधानसभा सीटों का गणित

महराजगंज लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले पांच विधानसभा क्षेत्रों में से तीन पर भाजपा, एक पर उसकी सहयोगी निषाद पार्टी और एक पर कांग्रेस का कब्जा है। महराजगंज सदर से भाजपा के जयमंगल कन्नौजिया, फरेन्दा से कांग्रेस के वीरेन्द्र चौधरी,नौतनवां भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के ऋषि त्रिपाठी, सिसवा से भाजपा के प्रेमसागर पटेल और पनियरा से भाजपा के ज्ञानेंद्र सिंह ने 2022 के चुनाव में जीत हासिल की।

सीट के जातीय समीकरण

महराजगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी 56 प्रतिशत से अधिक है। यहां के ओबीसी समुदायों में कुर्मी-पटेल, चौरसिया, निषाद, यादव, मौर्य, चौहान, सोनार, नाई और लोहार शामिल हैं। जबकि उच्च जाति समुदायों में ब्राह्मण कुल मतदाताओं का 12 प्रतिशत हैं। क्षत्रिय और कायस्थ समुदाय का एक छोटा प्रतिशत भी यहां रहता है। यहां बहुसंख्यक आबादी दलितों की है जिसमें हरिजन,धोबी और पासी भी शामिल हैं। मुस्लिम मतदाता भी यहां संख्यात्मक रूप से महत्वपूर्ण हैं। यहां अनु सूचित जनजाति की दो जातियां भी निवास करती हैं। महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय से हैं। पिछड़ी जाति के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है। 

2014 और 2019 के चुनाव परिणाम

साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के पंकज चौधरी को 4,71,542 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर बसपा के काशीनाथ शुक्ला थे। उन्हें कुल 2,31084 वोट मिले थे। सपा के कुंवर अखिलेश सिंह 2,13974 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस के हर्षवर्धन 57,193 वोट पाकर चौथे स्थान पर थे। पंकज चौधरी ने वह चुनाव 2,40,458 मतों से जीते थे।

साल-2019 में पंकज चौधरी को 7,26,349 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर सपा प्रत्याशी कुंवर अखिलेश सिंह को 3,85,925 वोट मिले थे। 72,516 वोटों के साथ कांग्रेस प्रत्याशी सुप्रिया श्रीनेत तीसरे स्थान पर रहीं । कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। चौथे नंबर के प्रत्याशी को छोड़ दें तो अन्य सभी को दस हजार से कम वोट मिले थे। अब जब कि 2024 का चुनाव सिर्फ सात महीने बाकी है। एक तरफ विपक्षी दलों की इंडिया गठबंधन पार्टी बनाने की कवायद जल रही है वहीं बसपा सुप्रीमों मायावती अकेले लड़ने के लिए ताल ठोक रहीं हैं ऐसे में महराजगंज की लोकसभा सीट पुनः भाजपा के पंकज चौधरी के खाते में जा सकती है। और यदि इस बार पंकज चौधरी जीते तो उनकी दूसरी बार हैट्रिक लगेगी। यह कहना गलत न होगा कि पंकज चौधरी द्वारा महराजगंज लोकसभा क्षेत्र में किये गये विकास को भी कमतर आंकना बेमानी होगी। अभी हाल ही में आनन्दनगर,महराजगंज बाया घुघली रेल मार्ग की स्वीकृति होने से आम जनता में पंकज चौधरी के प्रति एक विकास पुरुष की छवि उभर कर सामने आईं है। इसका भी चुनाव में व्यापक असर पड़ेगा।

महराजगंज लोकसभा सीट से जानें कौन कब-कब रहा सांसद

सिब्बन लाल सक्सेना 1952 निर्दल

सिब्बन लाल सक्सेना 1957 निर्दल

महादेव प्रसाद 1962 कांग्रेस

महादेव प्रसाद 1967 कांग्रेस

सिब्बन लाल सक्सेना 1971 निर्दल

सिब्बन लाल सक्सेना 1977 जनता पार्टी

अश्फाक हुसैन अंसारी 1980 कांग्रेस

जितेन्द्र सिंह 1984 कांग्रेस

हर्षवर्धन 1989 जनता दल

पंकज चौधरी 1991 भाजपा

पंकज चौधरी 1996 भाजपा

पंकज चौधरी 1998 भाजपा

कुंवर अखिलेश सिंह 1999 सपा

पंकज चौधरी 2004 भाजपा

हर्षवर्धन 2009 कांग्रेस

पंकज चौधरी 2014 भाजपा

पंकज चौधरी 2019 भाजपा

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