वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने शुकुलपुर स्थित बाबा राम उदित सेवा संस्थान द्वारा संचालित शिशु एवं बालगृह, प्राथमिक विद्यालय बढ़नी, भुपियामऊ में मनरेगा द्वारा कराये जा रहे चकरोड निर्माण एवं राजकीय पशु चिकित्सालय एवं कृत्रिम गर्भादान केन्द्र भुपियामऊ का औचक निरीक्षण किया। शिशु एवं बालगृह के निरीक्षण में जिलाधिकारी ने बच्चों के पंजीकृत रजिस्टर का अवलोकन किया एवं वहां पर रखे गये बच्चों को देखा और उनके स्वास्थ्य एवं देखरेख के सम्बन्ध में शिशु गृह के बाल कल्याण अधिकारी से आवश्यक जानकारी प्राप्त की। बाल कल्याण अधिकारी द्वारा बताया गया कि शिशु गृह में कुल 07 बच्चे है, तीन पालियों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी जिनके द्वारा बच्चों की देखभाल की जाती है। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) त्रिभुवन विश्वकर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी रन बहादुर वर्मा भी उपस्थित रहे। प्राथमिक विद्यालय बढ़नी के निरीक्षण में जिलाधिकारी ने विद्यालय में पंजीकृत बच्चों के रजिस्टर का अवलोकन किया तथा अध्ययनरत बच्चों से पठन-पाठन के सम्बन्ध में जानकारी भी ली।जिलाधिकारी ने कक्षा-4 की छात्रा से उसका नाम अंग्रेजी में पूछा तो छात्रा सही जवाब नही दे सकी जिस पर जिलाधिकारी ने वहां पर उपस्थित अध्यापिका को कड़ी फटकार लगायी और निर्देशित किया कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जाये इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाये। विद्यालय में बने मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया गया। उन्होने वहां पर मिड्-डे-मील के रजिस्टर का अवलोकन भी किया। जिलाधिकारी ने भुपियामऊ में मनरेगा द्वारा कराये जा रहे 300 मीटर चकरोड निर्माण का निरीक्षण किया तो वह गुणवत्तायुक्त नही पाया गया एवं वहां पर उपस्थित सेक्रेटरी से जानकारी ली कि कितने मनरेगा मजदूर कार्य कर रहे है तो सेक्रेटरी कोई भी जानकारी नही दे पाये जिस पर जिलाधिकारी ने वहां पर उपस्थित खण्ड विकास अधिकारी सदर, एडीओ पंचायत एवं सेक्रेटरी को कड़ी फटकार लगायी और कहा कि कार्यो की सम्पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है ऐसा भविष्य में कदापि न हो। इसी प्रकार जिलाधिकारी ने राजकीय पशु चिकित्सालय एवं कृत्रिम गर्भादान केन्द्र भुपियामऊ का निरीक्षण किया एवं वहां पर उपस्थित पशुओं के टीकाकरण रजिस्टर का अवलोकन किया। उन्होने टीकाकरण रजिस्टर में व्यक्तियों के मोबाइल नम्बरों पर पशुओं के टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान के सम्बन्ध में फोन से जानकारी ली तो बताया गया कि पशुओं को टीका नही लगा है एवं कृत्रिम गर्भाधान भी नही किया गया है जिस पर पशु चिकित्साधिकारी को कड़ी फटकार लगायी और कहा कि रजिस्टर में फर्जी नाम लिखकर खानापूर्ति करते हो, यदि ऐसा दुबारा पाया जाता है तो सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होने पशु चिकित्सालय केन्द्र पर साफ-सफाई के सम्बन्ध में सेक्रेटरी को निर्देशित किया कि मजदूरों को लगाकर साफ-सफाई कराना सुनिश्चित करें।
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