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सीमा हैदर क्या फिर जाएगी जेल या होगी पाकिस्तान डिपोर्ट? करांची कनेक्शन पर जल्द आ सकती है बड़ी रिपोर्ट..!



उमेश तिवारी 

पाकिस्तान से ग्रेटर नोएडा पहुंची सीमा हैदर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीमा के खिलाफ नोएडा पुलिस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। जल्द ही सीमा हैदर के पाकिस्तान से भारत अवैध तरीके से आने के मामले में नोएडा पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दायर कर सकती है। नोएडा पुलिस की ओर से पाकिस्तान से ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा तक पहुंची सीमा हैदर को लेकर कई एंगल से जांच की गई है। उस पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ाव का शक बनता दिखा। हालांकि, जांच में अभी तक उसके पाकिस्तानी आईएसआई जासूस होने का मामला सामने नहीं आया है। पुलिस ने इस जांच के क्रम में केंद्रीय एजेंसियों की मदद ली है। उसके कॉल डिटेल और सोशल मीडिया डिटेल तक को खंगाला गया है। तमाम पहलुओं पर हुई जांच के बाद नोएडा पुलिस की ओर से पेश की जाने वाली चार्जशीट पर हर किसी की नजर टिक गई है।


सीमा हैदर का भारत में भविष्य भी काफी हद तक इस चार्जशीट पर टिका हुआ है। अगर उस पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ाव का कोई भी शक बनता दिखता है तो उसे एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है। सीमा के अलावे उसकी मदद करने वाले और उसे पनाह देने वाले सचिन मीणा की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। साथ ही, सीमा को पाकिस्तान भी डिपोर्ट किया जा सकता है। पिछले दिनों सीमा हैदर को लेकर कई प्रकार की चर्चाएं चल रही है। कभी उसे राजनीतिक दल में शामिल होने का ऑफर मिल रहा है। कभी उसके एक्टर बनने की चर्चा शुरू हो जाती है। एक फिल्म में सीमा को रॉ एजेंट की भूमिका भी दिए जाने की चर्चा चल रही है। इसको लेकर उसे डायलॉग भी भेज दिए गए हैं, ताकि वह रिहर्सल कर सके। इन तमाम चर्चाओं के बीच नोएडा पुलिस की जांच पर हर किसी की नजर टिकी दिख रही है।


पबजी से प्रेम और भारत तक का सफर

सीमा हैदर और सचिन मीणा की मुलाकात पबजी गेम के दौरान ऑनलाइन 2019 में हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई। दोनों की दोस्ती हो गई। बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा तो सीमा और सचिन एक-दूसरे के करीब आ गए। दोनों ने मुलाकात का फैसला लिया। नेपाल के काठमांडू में दोनों की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दोनों ने साथ रहने का फैसला लिया। मई माह में पाकिस्तान के करांची से दुबई शारजाह  होते हुए सीमा हैदर अपने चार बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा पहुंच गई। बाद में उसकी पहचान उजागर होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। अभी वह जमानत पर बाहर है।


कराची कनेक्शन की भी हो रही जांच

सीमा हैदर के मामले में करांची कनेक्शन की भी जांच हो रही है। सीमा हैदर ने किस प्रकार पाकिस्तान छोड़ने और भारत जाने का फैसला लिया। इसको लेकर करांची में उसकी किस-किस व्यक्ति ने मदद की। वह करांची में किस-किस व्यक्ति के संपर्क में रही? खुफिया एजेंसी की ओर से इन तमाम सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं। इन जवाबों के आधार पर उसके भारत में रहने या पाकिस्तान वापस भेजे जाने पर अहम निर्णय हो सकता है। सीमा हैदर को लेकर अभी भले ही सोशल मीडिया पर अलग चर्चा चल रही हो, उसको लेकर जांच एजेंसियों की ओर से कोई कोताही नहीं बरती जा रही है।




सीमा हैदर मामले की जांच ने बढ़ाई बेचैनी, बॉर्डर पर बढ़ी सख्ती से लग रही लंबी कतार


पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर के मामले की जांच ने बेचैनी बढ़ा दी है। प्रदेश की 570 किलोमीटर की भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी चेकिंग के बाद लोगों को एक-दूसरे देश में आने-जाने दे रही है। एसएसबी के कुछ जवान चेकिंग के दौरान नेपाल के लोगों का हाल-चाल जानने की भी कोशिश कर रहे हैं और साथ ही यह संदेश भी दे रहे हैं कि मित्रता के साथ राष्ट्र सुरक्षा सर्वोपरि है।


सिद्धार्थनगर के खुनुवा बार्डर से सटे नेपाल के कपिलवस्तु जिले के पकड़िहवा निवासी विक्रम यादव को उपचार के लिए भारत आना था,लेकिन इस बार उन्हें सामान्य ढंग से प्रवेश नहीं मिल सका। बॉर्डर पर उनकी विधिवत जांच हुई। उनका पहचान पत्र देखा गया। दवाओं का पर्चा देखा गया और उसके बाद उन्हें प्रवेश दिया गया।


ऐसा सिर्फ खुनुवा बार्डर पर ही नहीं, बल्कि कोटिया, अलीगढ़वा, ककरहवा, बढ़नी, सोनौली सहित सभी सीमाओं पर एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) यह सक्रियता दिखा रही है। 


बताते चलें कि पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर के मामले की जांच ने बेचैनी बढ़ा दी है। प्रदेश की 570 किलोमीटर की भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी विधिवत चेकिंग के बाद लोगों को एक-दूसरे देश में आने-जाने दे रही है।एसएसबी के कुछ जवान चेकिंग के दौरान नेपाल के लोगों का हाल-चाल जानने की भी कोशिश कर रहे हैं और साथ ही यह संदेश भी दे रहे हैं कि मित्रता के साथ राष्ट्र सुरक्षा सर्वोपरि है।


एसएसबी इस मामले में अभी स्पष्ट रूप से भले ही कुछ न कहे, लेकिन सीमा हैदर के मामले में दो जवानों के निलंबित होने के बाद बीओपी (बार्डर आउट पोस्ट) पर तैनात जवानों में बेचैनी साफ देखी जा रही है। माना जा रहा है कि इस मामले में अभी कुछ अन्य जवान भी कार्रवाई के लपेटे में आ सकते हैं। इस चूक से सबक लेते हुए एसएसबी ने निगरानी तेज कर दी है। सीमा हैदर का प्रकरण चार जुलाई को सामने आने के बाद से इस प्रकरण में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसका परिणाम है। तब से लेकर अब तक चीन की महिला सहित एक रूसी नागरिक नेपाल सीमा से प्रवेश करते हुए पकड़ा जा चुका है।


यहां भी बढ़ी सतर्कता

महराजगंज जिले के सोनौली व ठूठीबारी सीमा से पर्यटक व मालवाहक वाहनों के प्रवेश की अनुमति है। यहां पर आने-जाने वालों के पहचान पत्र देखने के बाद प्रवेश की अनुमति मिल रही है। सीसी टीवी फुटेज की बारीकी से निगरानी की जा रही है। एसएसबी के 22 वीं के जवानों द्वारा बार्डर की निगरानी की जा रही है। एसएसबी के 22 वीं बटालियन के उप कमांडेंट राकेश कुमार ने बताया कि घुसपैठ पर पैनी निगाह है। जवानों को सभी चेक पोस्टों पर सघन जांच के निर्देश दिए गए हैं।


खुली सीमा के पगडंडी रास्तों पर भी जवानों को गश्त व जांच के लिए निर्देशित किया गया है। ऐसे ही पीलीभीत में भी 40 किमी बार्डर नेपाल से जुड़ा हुआ है। यहां एसएसबी की सभी 15 चेक पोस्ट पर जवान आवाजाही करने वाले हर भारतीय या नेपाली से कारण पूछ रहे हैं। संतोषजनक जवाब के बाद ही उन्हें बार्डर पार करने की अनुमति दी जा रही है।


सिद्धार्थनगर से नहीं है विदेशी नागरिक के आने की अनुमति

सिद्धार्थनगर जिले में बढ़नी, खुनुवा व ककरहवा तीन चेकपोस्ट हैं। किसी भी चेकपोस्ट पर इमिग्रेशन सेंटर नहीं है, जहां विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट व वीजा की जांच हो सके। ऐसे में नेपाल को छोड़कर कोई भी विदेशी नागरिक नेपाल सीमा से सीधे सिद्धार्थनगर में प्रवेश नहीं कर सकता है। वैध अभिलेख होने पर विदेशी यहां सोनौली के रास्ते आ सकते हैं।


सीमा हेड क्वार्टर से हो रही निगरानी महराजगंज जिला में एसएसबी की 22 वीं व 66 वीं बटालियन के कुल नौ सीमा जांच हेड क्वाटर हैं। बहुआर, झुलनीपुर, ठूठीबारी, भगवानपुर, सोनौली, डंडा हेड, हरदी डाली, चंडी थान व खैराघाट जांच हेड क्वार्टर के अधीन एसएसबी की 30 जांच चौकियां हैं। जिस पर सीमा से प्रवेश करने वालों की जांच की जा रही है।


बीते 22 जुलाई को सिद्धार्थनगर के ककरहवा बार्डर पर चीन की जहांग क्सिया भटककर भारतीय क्षेत्र में आ गई थी। बाद में एसएसबी ने उसे पकड़कर नेपाल पुलिस को सौंपा।

25 जुलाई को सिद्धार्थनगर के लीला डिहवा बार्डर पर रूस के मॉक्सो शहर का अलेक्डेर पावेल भटककर लीला डिहवा के रास्ते भारतीय क्षेत्र में आ गया था। बाद में एसएसबी ने पूछताछ के बाद उसे भी नेपाल को सौंप दिया।वहीं 13 मई 2023 को खुनुवा बार्डर से होकर सीमा हैदर अपने चार बच्चों को लेकर नोएडा गई थी।


4 जुलाई को प्रकाश में आया था मामला

कमांडिंग अधिकारी 43 वीं वाहिनी आरके डोगरा ने बताया कि बार्डर सुरक्षा की समय- समय पर समीक्षा की जाती है। उसी समीक्षा की देन है कि यहां सदैव सतर्कता देखने को मिलती है। इसमें दोनों देशों के संबंधों पर ध्यान दिया जाता है। इस दौरान राष्ट्र की सुरक्षा को भी सर्वोपरि रखा जाता है।

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