लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के शोध केन्द्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में हुई घोषणा
पं बीके तिवारी
गोण्डा।मानस के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास की जन्म स्थली व जन्म तिथि को लेकर शिक्षा जगत व साहित्य प्रेमियों मे फैली भ्रांतियों को दूर करके पाठ्य पुस्तक सहित तुलसी साहित्य में प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में शीघ्र ही याचिका दाखिल की जाएगी।
श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के शोध केंद्र में शनिवार को पूर्वान्ह आयोजित पत्रकार वार्ता में शोध निदेशक शैलेन्द्र नाथ मिश्र ने उक्त संकल्प व्यक्त किए।
पत्रकार वार्ता में श्री मिश्र ने कहा कि उ. प्र. माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाई स्कूल हिन्दी पाठ्य पुस्तक में गोस्वामी जी का जन्म स्थान गोण्डा, चित्रकूट व एटा दर्शाया गया है जबकि सीबीएससी बोर्ड की हाई स्कूल व इंटरमीडिएट की पुस्तक क्षितिज में गोस्वामी की जन्म स्थली व जन्म तिथियां का विबरण अलग अलग दर्ज हैं। उन्होने कहा कि उच्च न्यायालय में इसके पूर्व याचिका दाखिल कर गोस्वामी जी के संदर्भ में शिक्षा जगत व साहित्य प्रेमियों में व्याप्त विसंगतियों को दूर कर एकरुपता लाने के लिए अभिलेखीय व संगोष्ठियों के साक्ष्य प्रस्तुत कर अनुरोध किया गया था। गणेशनाथ मिश्र अधिवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति द्वय अताऊ रहमान व ओमप्रकाश शुक्ल ने 4 अगस्त को याचिका पर विचार करते हुए सन्दर्भित अनुरोध को अकादमिक प्रकृति व याचिका कर्ता द्वारा जन्म तिथि पर अनिश्चितता आदि कारणों से खारिज कर दिया है। श्री मिश्र ने संकल्प व्यक्त करते हुए घोषणा की कि वह जन्म स्थली विवाद पर व्याप्त भ्रांति अनिश्चितता को दूर करने के लिए शीघ्र ही सर्वोच्च न्यायालय में दूसरी याचिका प्रस्तुत करेंगे। पत्रकारों से वार्ता क्रम में प्रो.शैलेंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास वैश्विक महाकवि हैं जिनकी अमर कृति रामचरितमानस का विश्व की सभी भाषाओं में अनुवाद एवं ढाई हजार से अधिक शोध ग्रंथ उपलब्ध हैं। इस मौके पर पर याचिका प्नस्तुत करने वाले उच्च न्यायालय के अधिवक्ता गनेश नाथ मिश्र ने प्रकरण से संबंधित अन्य विधिक पहलुओं पर जानकारी दी।
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