पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
नवाबगंज गोंडा ।नवाबगंज क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर चल रहे प्राइवेट विद्यालय शिक्षा के नाम पर लोगों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं । सुविधा के नाम पर बच्चों को कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। जिससे इन विद्यालयों में पढने वाले नाबालिक बच्चों का भविष्य सुरक्षित नही दिख रहा है।
ताजा मामला शिक्षा क्षेत्र के लौव्वावीरपुर गांव व नगरपालिका सीमा पर स्थित यूनिक एकेडमी का है । इस विद्यालय मे पढने वाली कक्षा नौ की छात्रा 15 अगस्त के दिन रहस्यमय परिस्थितियों में विद्यालय से गायब हो गयी थी। इस घटना से नाबालिक के परिजनों मे हड़कंप मच गया था । जब परिजनों के खोजने के बाद भी छात्रा नही मिली तो नाबालिक के पिता ने थाने पर अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नाबालिक के छानबीन मे जुट गई । घटना के दूसरे दिन पुलिस को नाबालिक लड़की अयोध्या पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर मौजूद मिली, जिसे थाने ले आये और वन स्टाप सेंटर भेज दिया। इस मामले मे विद्यालय परिवार के जिम्मेदार पूरी तरह से अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ कर किसी से बात तक नही किया। इस घटना मे परेशान नाबालिक लड़की के परिजनों तक की कोई सुध नही लिया।
विद्यालय प्रबंधन पर सवालिया निशान
इस घटना को लेकर जब स्थानीय लोगों से बात की गई तो नगरपालिका क्षेत्र रहने वाले याकूब खान ने कहा कि यूनिक एकेडमी में बच्चों की बैठने की व्यवस्था ठीक नही है। जगह के हिसाब से ज्यादा बच्चों का एडमिशन कर लिया गया है। अब बेहतर शिक्षा को लेकर आसपास ही नाम लिखवाना पडता है। जिसका भरपूर फायदा प्राइवेट विद्यालय उठा रहे हैं।
वही क्षेत्र के तुलसीपुर माझा गांव के रहने वाले उदयनाथ ने कहा कि विद्यालय के प्रबंध तंत्र का फोकस अभिभावकों की जेब पर होता है । यह विद्यालय काफी पुराना है लेकिन शिक्षा के नाम पर ना तो पढाई हो पा रही है और ना ही बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। यह स्थित जिम्मेदार लोगों को भी नही दिखाई दे रहा है। अगर नाबालिक बच्ची के साथ कोई बडी घटना हो जाती तो विद्यालय प्रशासन तब क्या कहता?
वही नगर के राजेश कुमार ने बताया कि हर विद्यालय मे पैसा ऐठने के लिए अभिभावकों की मीटिंग हर माह होती है। मीटिंग का उद्देश्य भी केवल पैसा ही होता है, क्षेत्र में तमाम अवैध रुप से विद्यालय संचालित है, उन पर कोई ठोस कार्रवाई नही होता है, जिससे विद्यालय प्रबंधन अप्रशिक्षित शिक्षको से पढाई कराना व पुस्तकों और ड्रेस पर दुकान से सेटिंग कर मोटी कमाई करने का कार्य हो रहा है । पुलिस व परिजनों के तत्काल प्रभाव से की गई कारवाई से बडी घटना नही हुआ अन्यथा परिजनों पर क्या बीतती? ऐसे में विद्यालय प्रबंधन पर कारवाई करानी चाहिए, मेरा बच्चा होता तो मै विद्यालय के खिलाफ कार्रवाई करवाता ।
वही एक अभिभावक जिनका बच्चा इसी विद्यालय मे पढ रहा है, उन्होंने नाम ना छापने के शर्त पर बताया कि इस विद्यालय का विवादो से पुराना नाता है, प्रबंधन के द्वारा बच्चे की फीस ना मिलने पर बच्चे की पिटाई कर दी गई थी। जब थाने पर तहरीर पडी तो आसपास के लोगों के दबाव मे मामला बैठा लिया था। मैने अपने बच्चों को निकाल लिया था लेकिन गांव के और पट्टीदार के बच्चे अभी भी पढ रहे हैं। हर अभिभावकों को समस्या है लेकिन आर्थिक मजबूरी और घर के पास ही पठन पाठन के चलते लोग विद्यालय पर कोई ठोस कार्रवाई नही करवा पाते हैं, इस विद्यालय के बच्चे गाडियों मे ठूस कर लाये जाते हैं।
इस घटना से स्थानीय लोग विद्यालय प्रशासन के खिलाफ भी जिम्मेदारी तय करने और कारवाई करने की बात कर रहे है। इस घटना के बाबत विद्यालय प्रबंधन के सदस्य राजीव त्रिपाठी से जब बात करने का प्रयास किया गया तो, वह दो दिन फोन ही नही उठाये जब बात किया तो उन्होंने बताया कि विद्यालय की कोई बात ही नही हैं। बच्ची विद्यालय से निकल गयी थी, विद्यालय बंद हो गया था। लडकी मिलने के बाबत पुलिस लडकी के पिता से बात करने की नसीहत दी।
उन्होंने अपना और अपने विद्यालय परिवार का बचाव देख कर फोन काट दिया ।
इस घटना के बाबत थानाध्यक्ष मनोज कुमार राय ने कहा कि नाबालिक लड़की अयोध्या के पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर मिली है आगे कि कारवाई के लिए वनस्टाप सेंटर भेजा गया है फिलहाल पुलिस की कार्यशैली का स्थानीय लोग जहा तारीफ कर रहे वही विद्यालय परिवार पर कारवाई की मांग कर रहे हैं।
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