इमरान अहमद
गोंडा:एक तरफ़ योगी सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए तमाम तरीके आज़मा रही है,सरकार शहर से लेकर गाँव तक लाखों रुपये खर्च कर पौधरोपण कर रही है ताकी प्रदेश हरा भरा व पर्यावरण सुरक्षित रह सके।लेकिन वहीं दूसरी तरफ़ नगर पंचायत मनकापुर सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहा है।बीते दिनों शासन से मिले पौधों को नगर पंचायत ने आधा-अधूरा लगाकर खानापूर्ती कर ली।बाकी बचे पौधों को बारिश के इंतज़ार के लिए छोड़ दिया,जो आज पड़े-पड़े सूखकर सड़ रहें हैं।
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश को हरा भरा रखने के लिए 35 करोड़ पौधे लगाने का फ़ैसला किया था।इस विशेष अभियान को पूरा करने के लिए नगर निकाय,नगर पंचायत व ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया था।ताकी बृक्षारोपण का यह महा अभियान सफल हो सके,इसी के तहत नगर पंचायत मनकापुर में पौधरोपण के लिए शासन द्वारा 1365 पौधे भेजे गए थे।जहाँ नगर के सड़कों के किनारे,शहर के बीच खाली जगहों पर पेड़ लगाकर नगर को हरा भरा रखने की मंशा थी।लेकिन ज़िम्मेदारों ने नगर को छोड़ असुरक्षित जगहों पर कुछ को लगाकर वाहवाही लूट ली।बाकी बचे पौधों को एक जगह ले जाकर रख दिया जिनमें से अब कुछ तो सूख गये वहीं कुछ पौधे ज़िम्मेदारों की लापरवाही से पड़े-पड़े दम तोड़ रहे हैं।यहां तक की जो पौधे लगाए गए थे उनको भी खुला छोड़ दिया गया।जो रख रखाव के अभाव में कुछ छुट्टा मवेशियों का निवाला बन गये और कुछ पानी को तरस सूख रहे हैं।ऐसे में प्रदेश सरकार की पर्यावरण संरक्षण की कवायद नगर पंचायत मनकापुर में दम तोड़ती नज़र आ रही है।
नगर पंचायत ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
प्रदेश सरकार की इस महा अभियान को सफल बनाने में नगर पंचायत ने ज़रा सी भी दिलचस्पी नहीं दिखाई।नगर पंचायत पौधरोपण करने के बजाए नए कार्यालय बनाने में व्यस्त रहा और उधर पेड़ पड़े पड़े सूखते रहे।
नगर में सड़कों के किनारे कहीं नहीं दिखते लगे पेड़
भले ही सरकार का अपना प्रदेश हरा हो भरा उत्तर प्रदेश का सपना सँजोए बैठी हो, मगर नगर पंचायत मनकापुर के अधिकांश मोहल्लों,गलियों व सड़कों के किनारे पेड़ नहीं नज़र आयेंगे, ज़िम्मेदारों ने पौधों को नगर में या सड़क के किनारे लगाने के बजाए यहां-वहाँ लगा दिया।जो आज बिना संरक्षण के नष्ट हो रहे हैं।
डीएम के लगने वाले चौपाल कार्यक्रम से भी नहीं है डर
सूत्रों की माने तो हाल ही में नगर पंचायत में गोंडा ज़िले की तेज़ तर्रार डीएम नेहा शर्मा का चौपाल कार्यक्रम होना है,ऐसे में मस्त अधिकारियों को इस बात की भी ज़रा सा भी डर नही है कि चौपाल कार्यक्रम के उपरांत अगर डीएम ने नगर पंचायत द्वारा किए गए पौधरोपण का निरीक्षण भी किया तो वो क्या दिखायेंगे?
नगर पंचायत में नहीं है बजट,पहले से ही है बकाएदार
इस बाबत जब अधिशासी अधिकारी रंग बहादुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शासन से मिले पौधों को कुछ जगह पर लगा दिया गया है,बाकी कुछ को बारिश के इंतज़ार में रख दिया गया था।लगे पौधों के संरक्षण के इंतज़ाम के बारे में पूछे जाने पर बताया कि नगर पंचायत का पहले से बकाया चल रहा है।बजट ना होने से कोई इंतज़ाम नहीं हो पाया है।
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