आनंद गुप्ता
पलियाकलां(खीरी)जिला पंचायत बालिका इंटर कालेज में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की119वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी।इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री मा अजय मिश्र के प्रतिनिधि दीपक तलवार ने कहा कि मेजर ध्यानचंद भारतीय खेल जगत के ध्रुवतारे हैं।
उनके कारण भारत ने 1928,1932 व 1936 में ओलम्पिक खेलों में हॉकी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।1936 कि ओलम्पिक खेलों में हॉकी स्पर्धा के फायनल में भारत ने जर्मनी को 8-1से पराजित किया था।तब जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने उन्हें जर्मनी से खेलने के बहुत बड़ा उत्कोच दिया था।जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।उन्होंने कहा था कि मैं हॉकी देश के लिये खेलता हूँ, शोहरत के लिये नहीं।विशिष्ठ अतिथि पलिया नगर चौकी प्रभारी संचित यादव ने कहा कि जिस तरह फुटबॉल में पेले, क्रिकेट में डान ब्रेडमैन हैं, उसी तरह हॉकी में मेजर ध्यानचंद का नाम बड़े ही आदर व सम्मान के साथ लिया जाता है।उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय खेल जीवन में 400 से अधिक गोल किये थे।उन्ही के साथ उनके भाई रूप सिंह हाकी के महान खिलाड़ी थे।प्रधानाचार्य कृष्ण अवतार भाटी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का मूल नाम ध्यान सिंह था।लेकिन वे हाकी का अभ्यास कृत्रिम प्रकाश के अभाव में चंद्रमा के प्रकाश में करते थे,इसलिये उनका ध्यान सिंह से ध्यानचंद्र हो गया।जीवन के अंतिम छड़ो में उन्हें लीवर केंसर हो गया था।वे बेहतर इलाज के अभाव में 1979 में एम्स के जनरल वार्ड में गोलोकवासी हो गये, जबकि वे ऊत्तम इलाज के हकदार थे।2014 में भारत सरकार ने उनकी अद्वितीय खेल प्रतिभा का सम्मान करते हुए भारत रत्न से सम्मानित किया।उत्तरप्रदेश सरकार ने उनकी यादों को अजर अमर बनाने के लिये 2022 में मेरठ में 92 एकड़ भूमि पर 700 करोड़ की लागत से विश्व स्तरीय खेल विश्व विद्यालय बनाने का निर्णय किया है।इस अवसर पर विद्यालय में खो खो,दौड़,गोला फेंक ,कबडडी व ऊँची कूद जैसी प्रयियोगिताओं का आयोजन किया गया।प्रथम,द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र प्रदानकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ भारतमाता व मेजर ध्यानचंद के चित्रों पर पुष्पार्चन व पूजन से हुआ।कार्यक्रम का सफल संचालन कार्यक्रम प्रभारी शालिनी चौधरी ने किया।आकृति गुप्ता, रचना मिश्रा,निहाल,अर्चना शुक्ला सहित सम्पूर्ण विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।
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