उमेश तिवारी
सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने उस एक हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है । जिसने उस बस की जांच की थी जिसमें सीमा सवार थी।
बताते चलें कि सीमा सचिन की पूरे देश में चर्चा हो रही है। उसे फिल्मों में काम करने का ऑफर भी मिल रहा है। भोजपुरी गाने बनाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर सीमा के वीडियो वायरल हो रहे हैं। चुनाव लड़ने का ऑफर मिल रहा है। कुछ लड़के सीमा को भाभी कहकर संबोधित कर रहे हैं। महिलाएं मगल गीत गाए जा रही है। कुल मिलाकर लोगों की जुबान पर यह लव स्टोरी छाई हुई है। हालांकि जांच एंजेसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि सीमा पाकिस्तान से भारत में किन तरीकों से आई। क्या वह कोई पाकिस्तानी जासूस है? आखिर उसकी कहानी क्या है? इसी बीच सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने उस एक हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है, जिसने उस बस की जांच की थी जिसमें सीमा सवार थी। बता दें कि एसएसबी इस बात की जांच कर रही है कि पाकिस्तान की रहने वाली सीमा हैदर अपने चार बच्चों के साथ भारत में कैसे दाखिल हुई?
गौरतलब है कि 27 साल की सीमा 2020 में पबजी गेम के जरिए भारत के सचिन मीणा के संपर्क में आई थी। दोनों में बातचीत के बाद दोस्ती हो गई थी। दोनों के बीच की यह दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। इसके बाद सीमा अपने 4 बच्चों के साथ अवैध तरीके से नेपाल के रास्ते होते हुए भारत आ गई है। वह नोएडा में सचिन के किराये के घर में रह रही थी। पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
बाद में यह जानकारी सामने आई थी कि सीमा के चाचा औऱ भाई पाकिस्तानी आर्मी में सैनिक है। हालांकि सीमा ने एटीएस की पूछताछ में कहा था कि वह कोई जासूस नहीं है और सिर्फ अपने प्यार की खातिर पाकिस्तान से सीमा पार कर भारत आई है। हालांकि उसके पति गुलाम हैदर ने कहा था कि सीमा ने उसे धोखा दिया है। वह हर महीने सीमा को 80-90 हजार रुपये भेजता था। उसने कहा था कि उसका पेपर पर सीमा से तलाक नहीं हुआ है। वह दुबई में रहता है। उसने भारत सरकार से अपील किया था कि उसकी बीवी औऱ बच्चों को पाकिस्तान भेज दिया जाए।
4 जुलाई को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने किया गिरफ्तार
सीमा,सचिन और सचिन के पिता को 4 जुलाई को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद एक स्थानीय अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि सीमा किसी गलत इरादे से नहीं बल्कि अपने साथी के लिए भारत में आई थी।
एसएसबी के हेड कांस्टेबल पाए गए दोषी
केंद्रीय जांच एजेंसियों ने एसएसबी को यह पता लगाने के लिए कहा था कि सीमा कराची से नोएडा पहुंचने के लिए नेपाल से कैसे आई? एसएसबी ने दो अगस्त को जारी किए गए अपने एक आदेश में खुनवा चेकपोस्ट पर एक हेड कांस्टेबल को दोषी ठहराया है। एसएसबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हेड कांस्टेबल ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर की बस में सवार 35 यात्रियों की चेंकिग की थी।
सीट से गायब थी सीमा?
रिपोर्ट के अनुसार, यात्री सीट नंबर 28 खाली पाई गई थी। वहीं सीट नंबर 37, 38, 39 के यात्रियों की उम्र 14, 13 और 8 साल बताई गई थी। जांच में उनके नाम का जिक्र नहीं किया गया है। इससे पता चलता है कि वे यात्री झूठ बोल रहे थे। प्रोटोकॉल के तहत सभी 35 यात्रियों की जांच का दावा किया जा रहा है। इसलिए कांस्टेबल अपनी लापरवाही के कारण सीमा और उसके बच्चों को बस से उतारने में सफल नहीं रहे। वे बॉर्डर की सुरक्षा करने और भारतीय क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश को रोकने के अपने मुख्य कर्तव्य में विफल रहे हैं।
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