आरोप
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के शहर के बीचो-बीच स्थित बस अड्डा पर आए दिन जाम लगा रहता है। यहां पर रास्ता सकरा होने के साथ-साथ डग्गामार वाहन ऑटो रिक्शा की वजह से यहां हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। प्राइवेट बस और टैक्सी चालक भी बस स्टॉप से महज चंद कदमों की दूरी पर खड़े होकर सवारी भरा करते हैं। जबकि परिवहन मंत्री भी इस पर अंकुश लगाने के निर्देश अपने पिछले दौर में दे गए थे। लेकिन रोडवेज के लिए यह मर्ज अब नासूर बन चुकी है। विभाग के अधिकारी डग्गामार वाहनों को रोकने के लिए पत्राचार करके कोरम पूरा कर रहे हैं। जिसकी वजह से आज एक बार फिर हंगामा खड़ा हो गया। दरअसल आज पुलिस अधीक्षक को भी जाम का सामना करना पड़ा। उसके बाद हरकत में आए पुलिस प्रशासन ने रोडवेज बस चालक को बस समेत हिरासत में लेकर कोतवाली ले गई। इसके बाद नाराज कर्मचारियों ने बस खड़ी कर चक्का जाम कर दिया। रोडवेज कर्मचारियों का आरोप है कि बस स्टाफ चौकी का प्राइवेट वाहन और ई-रिक्शा पर कोई नियंत्रण नहीं है। यह लोग आकर जाम लगा देते हैं। आज कानपुर डिपो की बस उतरौला से लौटकर कार्यशाला के अंदर जा रही थी। जाम लगा था। हमारा चालक उतरकर जाम खुलवाने लगा। एसपी साहब निकल रहे थे। मुझे नहीं पता चला उसमें क्या हुआ। उसके बाद कोतवाल और क्षेत्राधिकार आए। उन्होंने आरोप है कि कर्मचारियों को गाली दिया। उसके बाद गाड़ी लेकर चले गए। जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि एसपी सर का आदेश है। फिर हमारा जो कर्मचारी कोतवाली में था उसे गाली दिया। उसे ही नहीं बल्कि पूरे रोडवेज परिवार को गाली दिया। कर्मचारियों का आरोप है कि यहां पर 50 प्राइवेट गाड़ियां प्रतिदिन लगती हैं। इस पर पुलिस का ध्यान नहीं गया। जबकि नियम है कि एक किलोमीटर के अंदर कोई भी प्राइवेट गाड़ी नहीं लग सकती है। इस संबंध में रोडवेज के आर एम अंकुर ने बताया कि पुलिस की करवाई में बस को ले जाकर कोतवाली में खड़ा कर दिया गया। चालक का चालान कर दिया गया। अब चालक को छोड़ दिया गया है। बस को छोड़ा जा रहा है। कर्मचारियों का मामला निस्तारित हो गया है। हम लोगों को बताया गया है कि अब कोई डग्गामार गाड़ी नहीं लगेगी। कर्मचारी वापस जाकर अपनी ड्यूटी स्टार्ट कर रहे हैं।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ