अशफाक आलम
गौरा चौकी गोंडा:चंद्रयान-3 की लांचिंग के बाद कई दिनों से सभी देशवासियों को बस यही इंतजार था कि सफलता पूर्वक लैंडिंग कब होगी | बीते बुधवार शाम को इंतजार की घड़ी खत्म हुई और जैसे ही चंद्रयान 3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग हुई देश का नाम इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया |
इसके साथ ही भारत देश ऐसा कारनामा करने वाला विश्व का पहला और इकलौता देश बन गया | इसरो की इस सफलता में गोंडा की माटी में जन्मे एख्तेदार अब्बास भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन टीम का हिस्सा बनकर देश के साथ-साथ क्षेत्र का नाम भी रोशन किया |
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर गोंडा के लाल एख्तेदार अब्बास के परिजनों को बधाई देने वालों का ताता लगा हुआ है |
भारत के इस महत्वपूर्ण मिशन में गोंडा के विकासखंड बभनजोत के ग्राम पंचायत कस्बा खास निवासी एख्तेदारअब्बास का भी योगदान रहा l एख्तेदार अब्बास इसरो की मातृसंस्था विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र वीएसएससी में वैज्ञानिक एसई के पद पर कार्यरत हैं l एख्तेदार अब्बास चंद्रयान-3 के लांचर एलवीएम 3 - LVM 4 के मैकेनिक हार्डवेयर बनाने वाली टीम में शामिल थे | यह 3 से 5 मीटर व्यास के हार्डवेयर 20 से अधिक भागों में स्वदेशी कंपनिया के माध्यम से बनाए जाते हैं और फिर इन सभी पार्ट्स को असेंबल करके लॉन्च के लिए तैयार किया जाता है l
एख्तेदार अब्बास अपने तीन भाई और एक बहन में सबसे बड़े हैं | कस्बा खास निवासी जहूर अब्बास के पुत्र एख्तेदार अब्बास ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा 1 से 5 तक आदर्श बाल विद्या मंदिर गौरा चौकी , उच्च प्राथमिक 6 से 8 तक गाजीपुर जनता इंटर कॉलेज से प्राप्त की, उसके बाद हाई स्कूल केजी उस्मानिया इंटर कॉलेज उतरौला से किया , और इंटरमीडिएट क्रिश्चियन कॉलेज लखनऊ से किया l उच्च शिक्षा के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी गए जहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और मोतीलाल नेहरू विश्वविद्यालय इलाहाबाद से एमटेक किया | 2010 में इंडियन ऑयल पटना में 2 साल नौकरी भी किया | वह 2015 से इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं l
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