उमेश तिवारी
महराजगंज :भारत नेपाल सीमा पर महराजगंज बौद्ध परिपथ के महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय निकास बिन्दु सोनौली में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण के लिए लैंडपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने चार अरब का वर्क आर्डर जारी कर दिया है। इसका टेंडर दिल्ली की एक कंपनी को मिला है। वहीं आईसीपी का निर्माण कार्य डिजाइन के मुताबिक पूरा करेगी। बीते जून माह में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने आईसीपी का वर्चुअल शिलान्यास किया था।सोनौली में 100 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में बनने वाले इंट्रीग्रेटेड चेकपोस्ट के अंदर इमीग्रेशन, कस्टम, एसएसबी, पुलिस सहित सभी जांच एजेंसियां मौजूद रहेगी। एक ही परिसर में अलग-अलग 21 कार्यस्थलों का निर्माण किया जाएगा। टर्मिनल बिल्डिंग, भारत व नेपाल का एंट्री गेट, कार्गो टर्मिनल, क्वारंटी बिल्डिंग, वेयर हाउस, आयात-निर्यात, कार्गो पार्किंग, स्टाफ बैरक, रेस्ट रूम, फायर स्टेशन व कार्गो यार्ड आदि का निर्माण कराया जाएगा।
19 साल पहले आईसीपी निर्माण को मिली थी मंजूरी
भारत सरकार ने वर्ष 2004 में इंडो-नेपाल के सोनौली बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के निर्माण की मंजूरी दी थी। लेकिन भूमि अधिग्रहण में पेंच के चलते केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना अटकी पड़ी थी। वर्तमान डीएम सत्येन्द्र कुमार व एडीएम डॉ. पंकज कुमार वर्मा की पहल के बाद किसानों को मुआवजा के बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हुआ। बाउंड्रीवाल का निर्माण भी कराया गया। सोनौली बॉर्डर के समीप बनने जा रहा आईसीपी नेपाल और भारत का महत्वपूर्ण निकास बिंदु है। यह गौतम बुद्ध की जन्मस्थली और लोकप्रिय बौद्ध पर्यटन केंद्र लुंबिनी के नजदीक है। विदेश से आने वाले यात्रियों और पर्यटकों को सोनौली मेंअत्याधुनिक सुविधाओं का अहसास कराने के मापदंड के आधार पर यह लैंडपोर्ट विकसित किया जाएगा। निर्माण के बाद कस्टम, एसएसबी, पुलिस आव्रजन सहित खुफिया एजेंसियों के कार्यालय एक ही कैंपस में रहेंगे। इससे जांच में सहूलियत मिलेगी तथा नेपाल के साथ व्यापार में तेजी आएगी।
जिलाधिकारी महराजगंज सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि सोनौली में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण के लिए टेंडर के बाद करीब चार सौ करोड़ रुपये का वर्क आर्डर जारी हो चुका है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा। आईसीपी के निर्माण के बाद नेपाल के साथ व्यापार बढ़ेगा। विदेश से आने वाले यात्रियों और पर्यटकों को सोनौली में अत्याधुनिक सुविधाओं का अहसास कराने के मापदंड के आधार पर यह लैंडपोर्ट विकसित किया जाएगा।
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