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स्वामी करपात्री जी के विचार दर्शन में भारतीय संस्कृति का है गौरव:डीएम



अभय शुक्ला 

लालगंज, प्रतापगढ़। धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महराज की एक सौ सोलहवीं जयंती पर शुक्रवार को पैतृक गांव भटनी में अनुयायियों ने उन्हें भावांजलि अर्पित की। डीएम प्रकाशचंद्र श्रीवास्तव ने स्वामी करपात्री जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन तथा पुष्पांजलि अर्पित कर जन्मोत्सव का शुभारंभ किया। जन्मोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिले के डीएम प्रकाशचंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि स्वामी करपात्री जी ने धर्म को मानवीय कल्याण के प्रति निरूपित किया है। उन्होने कहा कि स्वामी करपात्री जी के विचार दर्शन में भारतीय संस्कृति का अदभुत एवं अनुपम गौरव प्रकाशवान है। डीएम प्रकाशचंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि शांति व सदभावना के साथ विकास ही सबसे बड़ा कर्तव्य पथ है। उन्होने कहा कि स्वामी करपात्री जी ने अनेकानेक प्रेरणास्पद एवं पथ प्रदर्शक ग्रन्थों की रचना कर विश्व को सनातन संस्कृति के करूणाभाव से सुपरिचित कराया। जिलाधिकारी ने कहा कि आध्यात्म हमारे चिंतन तथा विचारों की शुद्धता का सबसे बड़ा सम्बल है। उन्होने भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र की महिमा का भी बखान करते हुए कहा कि श्रीरामचरितमानस में प्रत्येक महिला पात्र अपने तप के बल से किसी न किसी के प्रति त्याग की निर्मल भावना का द्योतक है। उन्होने कहा कि नारी शक्ति के त्याग से ही हर कालखण्ड में धर्म और मानवीय मूल्यों की रक्षा हुई है। कार्यक्रम में एसडीएम लालगंज लालधर सिंह यादव ने भी स्वामी करपात्री जी को पुष्पांजलि अर्पित की। वरिष्ठ साहित्यकार अनूप अनुपम ने अपने काव्यपाठ से जन्मोत्सव समारोह को भव्यता प्रदान की। कार्यक्रम का संयोजन आयोजक शिवराम ओझा ने किया। इसके पूर्व जन्मस्थली पर पादुका पूजन, पार्थिव पूजन एवं रूद्राभिषेक के भी आयोजन किये गये। धार्मिक एवं शास्त्रीय परिचर्चा व विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्य धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महराज के विश्व बंधुत्व के संदेश का शंखनाद हुआ। इस मौके पर गोकरन नाथ ओझा, आशुतोष ओझा, रौनक, दिनेश मिश्र, जगराम यादव आदि रहे।

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