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बांस की खेती से सुधरेगा पर्यावरण:अजय क्रांतिकारी



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़ :भारतीय वानिकी एवं भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद- पारिस्थितिक अनुसंधान केन्द्र, प्रयागराज (वन,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,भारत सरकार) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आलोक यादव एवं पर्यावरण सेना प्रमुख अजय क्रांतिकारी ने जनपद प्रतापगढ़ में बांस की खेती को बढ़ावा देने हेतु जनपद के कई क्षेत्रों का भ्रमण किया और लोगों को बांस की खेती करने हेतु जागरुक किया।वरिष्ठ वैज्ञानिक आलोक यादव ने कहा कि मान्धाता ब्लॉक के बोझी गांव में बनी पानी की टंकी वाले परिसर को ऊसर भूमि के नजरिए से बांस उत्पादन हेतु रिसर्च सेंटर विकसित किया जायेगा।उन्होंने कहा कि ऊसर भूमि पर होने वाली बांस की फसलों का अनुसंधान किया जाएगा किसानों को बांस उद्योग लगाने हुए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि बांस की खेती कर किसान अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं।वन अनुसंधान केंद्र बांस की खेती को बढ़ावा दे रहा है।पर्यावरण सेना प्रमुख अजय क्रांतिकारी ने कहा कि बांस की खेती से किसानों की आय वृद्धि के साथ ही पर्यावरण सुधरेगा।उन्होंने कहा कि पीपल के पेड़ की तरह बांस भी 24 घंटे ऑक्सीजन देने के साथ अन्य वृक्षों की अपेक्षा 35 प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन पैदा करता है।बांस को हरा सोना कहा जाता है और इसके अधिक उत्पादन से हर प्रकार के फर्नीचर बनाने से हरे पेड़ों की कटान कम होगी और पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी।इस मौके पर राहुल कश्यप,राज कुमार सरोज, दुर्गा प्रसाद तिवारी, रवि प्रकाश मिश्र और राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक ब्लॉक मान्धाता नमन कुमार तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।

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