अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे तुलसीपुर से भाजपा विधायक कैलाश नाथ शुक्ला ने वायरल वीडियो पर अपना पक्ष रखते हुए उसे पूरी तरह साजिश करार दिया है । उन्होंने कहा है कि वीडियो के जरिए कुछ लोग उन्हें ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहे हैं जिसके दबाव में नहीं आएंगे । उन्होंने वीडियो को ना दिखाने को लेकर यूट्यूब चैनल के कुछ पत्रकारों का नाम भी लिया और पैसे मांगने का सबूत भी पेश किया ।
दरअसल 27 जुलाई को तुलसीपुर से भाजपा विधायक कैलाश नाथ शुक्ला के भतीजे और कुछ अन्य लोगों द्वारा मारपीट की घटना हुई थी। जिसका वीडियो वायरल किया जा रहा था । इसी वीडियो के बेस पर कुछ यूट्यूब चैनलों पर खबर भी चलाई गई थी। इसीको लेकर सोमवार को तुलसीपुर से भाजपा विधायक कैलाश नाथ शुक्ला ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की और अपना पक्ष रखा ।
प्रेस वार्ता के दौरान विधायक ने कहा कि पिछ्ले लगभग सात वर्षों से मैं आप सभी के आशिर्वाद से विधायक के रुप में आपके बीच में हूं । इसके पहले का भी मेरा आचरण व्यवहार खुली किताब की तरह रहा है। विशेष रूप से विधायक बनने के बाद मैंने हमेशा यह प्रयास किया कि जिले या विधानसभा क्षेत्र में मेरी राजनैतिक शुचिता पर कोई प्रश्न चिह्न न लगने पाये। कोई मेरा कितना भी नजदीकी रिश्तेदार हो, पारिवारिक सदस्य हो, कार्यकर्ता हो, उसके अनुचित स्टैण्ड को मैंने कभी समर्थन नही दिया। विधायक होने के बावजूद मेरे एकमात्र पुत्र को स्थापित करने अथवा पहचान देने का कभी सोंच नही रखी। कहीं किसी ठेका पट्टा किसी और व्यवस्था में मेरा अथवा मेरे किसी नजदीकी का कोई हस्तक्षेप होता हो तो आप कह सकते हैं। कभी कभी मेरे सहयोगी गण या आम लोग मेरे इस स्वभाव को मेरी कमजोरी मानने लगते हैं। फिर भी मैं अपने तरीके से ही राजनीति करने में विश्वास रखता हूं। उन्होंने कहा जहां तक तथाकथित मार पीट की घटना का प्रश्न है। मैं आप सभी के संज्ञान में लाना चाहता हूं कि मेरे दोनो भतीजे मेरे विधायक बनने के पहले ही अपना अपना छोटा मोटा व्यवसाय करते हैं। उन दोनो के स्वभाव एवम् आचरण के विषय में पूरा बलरामपुर जनपद जानता है। जिस घटना का तथाकथित वीडियो पत्रकार गण ने वॉयरल किया है। उन्होंने कहा कि जुलाई माह के 27 तारीख को ग्राम पंचायत सेखुई कला के सोनकर समाज के कुछ लोग तथा कुछ अन्य समाज के लोग शराब के नशे में धुत होकर मेरे भतीजे सोनू शुक्ला के कंप्यूटर की दुकान में घुस कर वहां कार्य कर रहे कर्मचारियों से संभवतः सिगरेट व माचिस मांगने लगे । इसी पर दोनों पक्ष में कुछ कहा सुनी हुई। जिसपर पर वे सभी शराबी कर्मचारी पर हमला कर दिए, इसकी सूचना मेरा भतीजा सोनू घर पर था, किसी ने फोन कर दिया। तब वह भाग कर दुकान पर पहुंचा और उसी ने 112पर फोन किया। अब आप बताएं कि किसी के दुकान या मकान में कोई अराजक और असमाजिक तत्व घुस कर हुड़दंग करे तो क्या उस व्यक्ति को अपनी संपत्ति अपने कर्मचारि की रक्षा करने का दायित्व नही है। इसके बाद उन शराबियों के तरफ से मेरे किसी सहयोगी कार्यकर्त्ता से पैरवी की गई कि सभी को माफ करते हुए, उनके विरुद्ध मुकदमा की कार्यवाही समाप्त करवा दें। मैंने भतीजों से वैसा ही करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह विचारणीय प्रश्न है कि उस कंप्यूटर की दुकान पर वे लोग क्या खरीदने गए थे। मित्रों उस घटना के एक माह बाद कुछ पत्रकार बंधुओ को याद आया कि दलित समाज के साथ बहुत बड़ा अपराध मेरे भतीजों ने किया है। मैं आपके सामने यह प्रश्न छोड़ता हूं कि इस प्रकरण में मेरे भतीजों का क्या अपराध है मित्रों मैं सरल एवं विनम्र स्वभाव का अवश्य हूं, परन्तु न तो ब्लैक मेल से डरने वाला हूं न ही साजिश से झुकूंगा। उन्होंने जिले के दो पत्रकारों पर रुपए मांग कर खबर न चलने का भी आरोप लगाया है और पैसे मांगने का सबूत भी देने को कहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर मेरी किसी बात से संपूर्ण पत्रकार जगत को कोई बात बुरी लगी हो तो उसके लिए मैं सभी से क्षमा भी मांगता हूं।
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