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BALRAMPUR...विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के विषय में दी गई बच्चों को जानकारी



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में 14 अगस्त को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, बलरामपुर में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस‘ मनाया गया। विभाजन विभीषिक स्मृति दिवस के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी नें बच्चों को आडोटोरियम हाल में प्रोजेक्टर के माध्यम से विभाजन विभीषिक स्मृति दिवस जो माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 14 अगस्त, 2021 को ट्वीट किया गया था उसे दिखाया गया।

‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस‘ के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी नें बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया कि देश के बँटवारे के दर्द को कभी भुलाया नही जा सकता नफरत और हिंस की वजह से हमारे लाखो बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गवांनी पड़ी उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। साथ ही यह भी बताया कि भारत का विभाजन अभूतपूर्व मानव विस्थापन और मजबूरी में पलायन की एक दर्दनाक कहानी है। इस विभीषिका मे मारे गये लोगो का आँकडा 5 लाख बताया जा रहा है। लेकिन अनुमानतः यह आँकड़ा 5 से 10 लाख के बीच है। लार्ड माउन्टबेटन ने 4 जून को आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस मे 14-15 अगस्त को स्वतन्त्रता की तारीख के रूप में घोषित किया। भारत के विभिन्न हिस्सों को दहला देने वाली 1946 और 1947 में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर व्यापक और क्रूरता पर विस्तार से लिखा गया। 1947 मे हुई हिंसा की घटनाओं और बंटवारे की घोषणा के चलते लाखो लोग रातों-रात अपने घरों से पलायन को मजबूर हो गये। हिंसा की प्रकृति न केवल लोगों के जीवन को नष्ट करनें बल्कि दूसरे समूहों की सांस्कृतिक और भौतिक उपस्थिति को भी मिटा देने की थी। द्वितीय विश्व युद्ध की तबाही में लाहौर के नाटा बाजार के बहुत से सामान नष्ट किये गये। इस खतरनाक यात्रा मे लोगों को भूख, बीमारी, थकावट और प्रकृति की कठोर परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। भारत सरकार ने करांची और मुंबई तक शरणार्थियों के आवाजाही के लिए नौ स्टीमर लगाये।
‘विभाजन विभीषिका में सबसे बड़ी संख्या में लोगों ने काफिलें मे पलायन किया। उस दौरान उन्होंने न सिर्फ प्रचंड गर्मी झेली, बल्कि मानसून की मूसलाधार बारिश में भी मीलो मील पैदल चलते रहे। जहाँ जीवन की हर सुबह मुस्कान से पुलकित हो उठती थी, वहां का मंजर देख आँसू भी खून हो गये। रेल ने उठाया विभाजन का भार। भारतीय उप महाद्धीप में लोगों का बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ। पानी के लिए लम्बी लाइन पानी न हिन्दू को जानता था न मुसलमान को। विभाजन विभीषिका में अपने प्राण गवाँने वाले तथा विस्थापन का दर्द झेलने वाले लाखों भारतीयों को शत्-शत् नमन्।

अंत में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस‘के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी तिवारी द्वारा विस्तृत जानकारी देने पर वहाँ पर उपस्थित अध्यापक अध्यापिकाएँ तथा छात्र छात्रायें भाव विभोर हो गये तथा उनकी आँखो में आँसू आ गये। ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस‘ के अवसर पर उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी (एक्टीविटी इंचार्ज) सहित समस्त छात्र छात्रायें तथा अध्यापक अध्यापिकाएँ उपस्थित रहे।

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