उमेश तिवारी
यूपी कांग्रेस के नए खेवनहार अजय राय ने अपने शपथ ग्रहण से पहले शक्ति प्रदर्शन किया। वह गुरुवार को वाराणसी से 100 लग्जरी कारों के काफिले के साथ लखनऊ पहुंचे। यहां काशी के पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ उन्हें शपथ दिलाई।
शपथ के बाद अजय राय ने कहा कि योगी-मोदी की सरकार दमनकारी है । जिस ED, CBI और बुलडोजर से डराया जाता है। मैं उस बुलडोजर को भी मोड़ देने का काम करूंगा। हम डरने वाले नहीं । आज 24 तारीख से 2024 फतेह की तैयारी करेंगे। कार्यकर्ताओं के लिए अगर जान की बाजी लगानी पड़ी, तो भी अजय पीछे नहीं हटेगा।
अजय राय बोले- मैं जनता के लिए सड़क पर संघर्ष करूंगा
अजय राय ने कहा कि देश का हर एक नागरिक अब राहुल गांधी को पीएम बनते देखना चाहता है। राहुल को पीएम बनाने के लिए हमें यूपी में जमीनी स्तर पर काम करना होगा। आप जो मुझे ताकत दोगे, उससे 10 गुनी ताकत हम आपको देंगे। मैं जनता के लिए सड़क पर संघर्ष करूंगा।
हमें सबका साथ और सहयोग चाहिए
उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी को साथ लेकर चलती है। 2015 में सरकार ने मुझे रासुका लगाकर 7 माह के लिए जेल भेज दिया था। आज हमें सबका साथ और सहयोग चाहिए। जल्द कांग्रेस आपको पूरे प्रदेश की सड़कों पर संघर्ष करते नजर आएगी।
जौनपुर, सुल्तानपुर और अमेठी होते हुए लखनऊ पहुंचे
बताते चलें कि आज सुबह अजय राय ने सबसे पहले बाबा काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया। इसके बाद जौनपुर, सुल्तानपुर और अमेठी होते हुए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय में शपथ ग्रहण से पहले गंगा आरती हुई। इसके बाद अजय राय ने वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में शपथ लिया।
बता दें कि 1 हफ्ते पहले कांग्रेस ने बृजलाल खाबरी को हटाकर अजय राय को जिम्मेदारी दी थी। पार्टी ने पिछले साल अक्टूबर में बृजलाल खाबरी को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। तब अजय राय उनकी टीम में क्षेत्रीय अध्यक्ष थे। अजय ने शपथ ग्रहण करने के बाद अजय राय महात्मा गांधी, बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल और राजीव गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
अब आगे पढ़ते हैं अजय राय राजनीतिक करियर
1996 से लेकर 2009 तक अजय राय भाजपा से जुड़े रहे। 1996 में वाराणसी के कोलअसला विधानसभा से अजय राय विधायक बने। इसके बाद अजय राय से वाराणसी की कोलअसला विधानसभा सीट कोई छीन नहीं पाया। 1996 से 2009 तक लगातार अजय राय कोलअसला से विधायक रहे। 2012 में दिग्विजय सिंह यूपी के प्रभारी और कांग्रेस महासचिव थे।
उन्होंने अजय राय की कांग्रेस में एंट्री कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अजय 2012 के विधानसभा उपचुनाव में वाराणसी की पिंडरा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और 5 वीं बार विधायक बने। अजय राय 2017 और 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने में नाकाम रहे। लेकिन, वह सालों से कांग्रेस में महत्वपूर्ण संगठनात्मक जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
कांग्रेस नेतृत्व के उन पर भरोसे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा राज्य इकाई के फेरबदल में, उन्हें प्रयागराज क्षेत्र के लिए पार्टी का अध्यक्ष बनाया था। इसमें पूर्वी यूपी के करीब 12 जिलों की जिम्मेदारी उन्हीं को दी थी।
कौन हैं अजय राय?
- उत्तर प्रदेश से 5 बार विधायक रहे और बाहुबली नेता हैं।
- भाजपा के टिकट पर कोलअसला विधानसभा सीट से 3 बार विधायक रहे। 1996 से 2007 तक लगातार तीन बार विधायक रहे।
- 2009 उपचुनाव में निर्दलीय लड़े, जीतकर चौथी बार विधायक बने।
- वाराणसी लोकसभा सीट से भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो 2009 में समाजवादी पार्टी ज्वाइन की। तब मुरली मनोहर जोशी को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था।
- 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट से वाराणसी में लोकसभा चुनाव हारे ।
- 2012 में पिंडरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता।
- 2014 में कांग्रेस के टिकट पर वाराणसी में लोकसभा चुनाव हार गए।
- 2017 में पिंडरा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी थे। चुनाव हार गए।
- अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की लहुराबीर इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कथित तौर पर ये काम माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने 1994 में कराया था। इसके बाद उन्होंने वाराणसी के माफिया ब्रजेश सिंह का दामन थामा था।
- 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय राय को 75,614 वोट मिले थे और वह तीसरे नंबर पर रहे थे। पहले नंबर पर मोदी 5.81 लाख मतों के साथ थे। वहीं दूसरे नंबर पर 2,09,238 मतों के साथ अरविन्द केजरीवाल थे।
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