कमलेश
खमरिया खीरी:ईसानगर ब्लॉक के दिलावपुर गांव मे बड़ी संख्या में खेतो में फसलों को बर्बाद कर बंदरों ने ग़दर मचा रखा है। यही नहीं बंदरों ने अब हिंसक रूप धारण कर ग्रामीणों पर हमलावर हो घायल करने का भी सिलसिला शुरू कर दिया जो एक महीने के अंदर करीब 50 लोगों को नोचकर घायल कर गांव में दहशत फैला दी है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी की पर जिम्मेदारों ने लोपापोती कर समस्या को दूर करने की जगह उसका निस्तारण कर दिया। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
ईसानगर क्षेत्र में एक तरफ जहां छुट्टा मवेशियों से किसानों व ग्रामीणों की समस्या समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है वही दूसरी ओर बड़ी संख्या में मौजूद बंदरों ने भी लोगों में दहशत फैलानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में दिलावलपुर गांव में सैकड़ों की संख्या में मौजूद बंदर अब हिंसक हो एक महीने के अंदर करीब 50 लोगों पर हमलाकर उन्हें घायल कर चुके है। जो सभी अलग अलग अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे। इस बाबत गांव के मुन्नालाल मौर्य जो सीएचसी खमरिया में बंदरों के हमले में घायल हुए अपने पुत्र रजनीश के टीका लगवाने आये थे उन्होंने बताया कि गांव में बड़ी संख्या में मौजूद बंदर एक तरफ खेतो में खड़ी गन्ने,उड़द व केले की फसलों को नुकसान पहुचा रहे है, तो बच्चों बुजर्गों युवाओं पर हमला कर घायल भी कर रहे है। वही इस बाबत जब गांव में पहुचकर बीरेंद्र मौर्य,रामनरेश समेत अन्य लोगों से बात की गई तो मालूम हुआ कि बंदर अब बच्चे,युवा व बुजुर्गों पर हमलावर भी हो रहे है जिनका शिकार पिछले एक महीने में गांव केजगदीश मौर्य 40 ,प्रकाश 35,मुनालाल,रजनीश 12,आदर्श,रामखेलावन 70,आदर्श 5, रामरानी 70,रामनरेश तिवारी 65,जमुना 60,अवनीश 15, संजीत कुमार 25,पुत्तीलाल 30,रामगोपाल 45,रूपनरायन 35,जगदीश राज 45, सत्यराम 38,जुगुल किशोर,ओमप्रकाश पाल, बालगोबिंद,राहुल,लल्लू,रामगोपाल,झब्बूलाल,बच्चू लाल,रामचंद्र, महतीन,मुन्नालाल,सोनेश्वरी समेत करीब 50 लोग हो चुके है।
ग्रामीणों की शिकायत को जिम्मेदारों ने नहीं लिया संज्ञान
गांव में मौजूद बीरेंद्र कुमार ने बताया कि बंदरों के ग़दर को देखकर उन्होंने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत भी की थी पर जिम्मेदारों ने उनकी शिकायत को दरकिनार कर केवल कागजी खानापूर्ति करते हुए इतिश्री कर दिया। इधर गांव में बड़ी संख्या में बंदर खेतों के साथ घरों में पहुचकर लोगों को घायल कर रहे है। धीरे धीरे कर घायलों की संख्या बढ़कर करीब 50 हो चुकी है, बावजूद इन हिंसक हुए बंदरों को देखने वाला कोई नहीं है। फिलहाल कुछ भी हो बंदरों के आतंक से घबराए ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
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