वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ दिव्यांगजन बच्चो के लिए आज विद्यालय के मुख्य द्वार का फीता काटकर एवं मां सरस्वती का विधिवत पूजन अर्चन कर इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी/ विकलांग बंधु के सदस्य रोशनलाल उमरवैश्य ने शुभारंभ किया तो वहीं समाज के कर्णधार और प्रधानाचार्य नारायण यादव ने पुष्प अर्पण कर बच्चो का प्रवेश करवाया तथा सरस्वती मां की पूजा अर्चना कर बच्चो के कल्याण व उन्नति के लिए प्रार्थना किया गया। मुख्य अतिथि रोशनलाल उमरवैश्य ने कहा कि करीब 20 वर्षों से लगातार विकलांग बंधु की बैठकों में दिव्यांग बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय की मांग की जा रही थी जो आज सफल हुई और आज दिव्यांग बच्चों को नया आवासीय भव्य भवन मिल गया।एक विद्यालय हज़ारो मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे आदि से पवित्र होता है क्योंकि वँहा ज्ञान की देवी का वास होता है और बच्चो के भविष्य का निर्माण होता है " जबकि प्रधानाचार्य व कार्यक्रम अध्यक्ष नारायण यादव ने अपने अतीत और संघर्ष को याद करते हुए कह उठे कि," अंधेरे को खत्म करने के लिए एक दीपक काफी है,जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए एक गुरु काफी है उसी तरह दिव्यांगजन को मुख्य धारा में लाने के लिए हमारा एक प्रयास काफी है,,और हमारा पूरा जीवन इन्ही अक्षम व दिव्यांगजन बच्चों को सवारने के लिए ही प्रतिबद्ध है"कार्यक्रम का संचालन डॉ०सुनील बिझला ने किया साथ ही मुख्य अतिथि और अध्यक्ष जी का धन्यवाद देते हुए इन असहाय अक्षम व दिव्यांगजन बच्चों के लिए हमेशा खड़े रहने की अपनी प्रतिबद्धता जताई।और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए श्रेष्ठ कामयाबी की प्रार्थना की,सभी बच्चो का उत्साह देखने लायक था,,निःसन्देह प्रतापगढ़ जिले का यह प्रयास स्वर्णिम अक्षरों में आज अंकित हुआ तो वहीं मुख्य अतिथि रोशनलाल उमरवैश्य और अध्यक्ष नारायण यादव, परमानंद मिश्रा ने सभी बच्चों को लोवर, टीशर्ट के साथ स्पेशल रसमलाई(मीठा)खिलाकर आशिर्वाद दिया ।ये विद्यालय प्रांगण दिव्यांगजन के लिए नजीर और नव तस्वीर गढ़ने का कार्य करेगा,ये पूरे जनपद के गौरव का विषय है जिससे पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है। परमानंद मिश्रा, श्रीमति अमिता कुशवाहा(स०अ०),वरिष्ठ सहायक अनिरुद्ध नारायण तिवारी ,विवेक यादव,हर्ष सिंह ,शंकर लाल ,संजय शर्मा आदि द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
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