कब तक बचते रहेंगे भ्रष्टाचार की जांच की आंच से घोटालेबाज?
रुस्तम मिश्रा
सीतापुर। मछरेहटा विकासखंड में हो रहे भ्रष्टाचार की अब बातें काफी शुरू हो चुकी जिसमें विकास खंड में प्रधान व सचिव, टीए, भदेवर के कारनामों पर आखिर कब तक पर्दा पड़े रहेगा। यह भी लोगों के जहन में उतर चुका है क्या भ्रष्टाचार में सराबोर हो चुके हैं प्रधान, सचिव, भदेवर अगर नहीं तो इस तरीके से उन पर आरोप भ्रष्टाचार का क्यों लग रहें है?तो दूसरी तरफ यह भी सवाल खड़े हो रहे कि विकास योजनाओं को कमीशन खोरी का जरिया पंचायत में बना दिया गया है।यह कमीशन खोरी कोई और नहीं बल्की प्रधान ,सचिव, टीए मिलकर कर रहे हैं। जिससे की कार्यवाही के नाम पर मोटी रकम ग्राम पंचायतों से प्रधान और सचिव आसानी से सहमति बनाकर बंदरबांट कर सकें? अगर यह नहीं है इसमें उच्चाधिकारियों का संरक्षण भी है क्योंकि बताते चलें की हाल ही में मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों पर श्रमिकों की संख्या कार्य के दौरान और दिखाई गई पर जब मीडिया टीम ने औचक भ्रमण किया तो हकीकत कुछ और निकली इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंची पर कार्यवाही शून्य रही,तो क्यों?
ग्राम पंचायत में घोटाला होने के आसार हैं वही इस घोटाले के पीछे का काला सच के पीछे प्रधान-सचिव टीए, भदेवर हैं ?जो भ्रष्टाचार से सराबोर रणनीति है जिसके चलते बड़े पैमाने पर घोटाले होते हैं और उन घोटालों से अर्जित रकम प्रधान ,सचिव, टीए की जेब में जा रही है।देखना है क्या कड़ी कार्यवाही होगी जांच कर या फिर मामला रफा-दफा होगा,यह तो आगे पता चलेगा।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ