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भारत-नेपाल बॉर्डर पर तीन हजार किलो टमाटर की तस्करी का मामला पकड़ा तूल... जानिए क्या कहां दिख रहा झोल



उमेश तिवारी

 महराजगंज: बीते कुछ दिनों से भारत में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं। टमाटर की कीमतें 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी हैं।


इस बीच उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से सटे नेपाल बॉर्डर से टमाटर की तस्करी की खबर सामने आई है।

खबर ये भी है कि सीमा शुल्क विभाग ने टमाटर से भरे दो पिकप जप्त किए थे जिनमें करीब 3,060 किलोग्राम टमाटर थे।

जब टमाटर को खाने योग्य नहीं पाया गया था तो इन्हें नष्ट करने का फैसला किया गया था।

इन टमाटरों को नष्ट करने के लिए जिस पिकप वैन में उन्हें ले जाया जा रहा था, उसे गोरखपुर के रास्ते में पुलिस ने पकड़ लिया।


बताते चलें कि भारत में टमाटर ऊंची कीमतों पर भले ही मिल रहे हैं। लेकिन नेपाल में इनके दाम भारत की तुलना में काफी कम हैं।

तस्करी वाले इन टमाटरों की कीमत करीब 1 लाख 83 हजार रुपये बताई जा रही है। अब सीमा शुल्क विभाग (कस्टम) इस पूरे मामले की जांच कर रहा है।

कस्टम विभाग की मानें तो उसने तकरीबन 3000 किलो टमाटर तस्करी होते हुए पकड़े और उनकी गुणवत्ता की जांच के लिए भेजे।

इस संबंध में कस्टम आयुक्त लखनऊ आरती सक्सेना ने बताया कि इस कन्साइनमेंट का कोई आयातक नहीं था और यह निर्धारित आयात के चैनल्स से नहीं आ रहा था  इसीलिए इसे इंटरसेप्ट कर पकड़ा गया।

सब्जी फल या किसी भी नष्ट होने वाले खाद्य पदार्थों का एक प्लांट क्वारंटीन सर्टीफिकेट होता है।

गुणवत्ता जांच में पकड़े गए टमाटरों को खाने के योग्य नहीं पाया गया। लिहाजा 8 जुलाई को उन्हें नष्ट करने का फैसला लिया गया।


नियमानुसार अगर इन टमाटरों को गुणवत्ता सर्टीफिकेट मिलता तो उनकी नीलामी की जाती।

8 जुलाई को स्थानीय मीडिया में टमाटरों को नष्ट करने के लिए ले जा रही दो पिकप गाड़ियों का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है।

इसमें नौतनवां में बनैलिया चौराहे के पास 12.04 बजे दो पिकप वैन टमाटर लेकर जाते हुए दिखते हैं।


एक अन्य सीसीटीवी फ़ुटेज में दोपहर 1.18 बजे दोनों गाड़ियां छपवा टोल प्लाजा को पार करके गोरखपुर की तरफ जाती दिखती हैं।


हालांकि, महाराजगंज के नौतनवां से करीब 8 किलोमीटर दूर संपतिहा चौकी की पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने दो पिकप वैन को करीब एक घंटे के अंतराल में पकड़ लिया।


तो सवाल यह उठता है कि अगर इन गाड़ियों में लदे टमाटरों को नष्ट करने का आदेश था तो यह गाड़ियां इतनी देर तक सड़क पर क्यों घूम रही थीं और टमाटरों को लेकर कहां जा रही थीं?

इसके साथ ही दो तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमें कुचले हुए टमाटर दिख रहे हैं।

एक तस्वीर शाम की है तो दूसरी रात में खींची गई है, जिनमें पिकप वैन भी नजर आ रही है।

तो क्या तस्करी वाले इन टमाटरों को बेचने की कोशिश हो रही थी?

अब यही जानने के लिए कस्टम विभाग ने जांच शुरू की है।


आयुक्त आरती सक्सेना का कहना है कि हमें यह भी स्थापित करना है कि जिन नष्ट किए गए टमाटरों की तस्वीरें स्थानीय मीडिया के माध्यम से सामने आईं हैं, यह तस्करी वाले टमाटर ही हैं।

उनका कहना है कि इससे जुड़ी जांच में पिकप गाड़ी की तस्वीरें भी सामने आई हैं और उनके चालकों से भी पूछताछ की जाएगी।

साथ ही उन्होंने बताया कि ये विभाग की नहीं बल्कि निजी गाड़ियां थीं।


कैसे होता है भारत-नेपाल सीमा पर आयात-निर्यात?


कस्टम विभाग की कमिश्नर आरती सक्सेना का कहना है कि भारत-नेपाल सीमा पर आयात-निर्यात के निर्धारित प्वाइंट बने हुए हैं, जहां से कोई भी आयातक बगैर एसएसआई सर्टिफिकेट के आयात नहीं कर सकता।

इन निर्धारित प्वॉइंट को लैंड कस्टम्स स्टेशंस (एलसीएस) कहा जाता है।

लेकिन भारत-नेपाल सीमा काफी बड़ी है और दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही काफी होती है।

लखनऊ का कस्टम यूनिट उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों से लगी पूरी भारत-नेपाल सीमा की निगरानी करता है।

लेकिन कस्टम विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी कुछ निर्धारित स्थानों पर ही है और वो सशस्त्र सीमा बल की तरह पूरे बॉर्डर पर नहीं मौजूद है।


आरती सक्सेना का कहना है कि उन्होंने मामले की एक विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है। घटना से जुड़े विभाग के छह अधिकारियों का लखनऊ मुख्यालय में तबादला भी कर दिया गया है। इनमें से कुछ मौके पर मौजूद थे।


महाराजगंज की मंडी में कितना महंगा है टमाटर?


महाराजगंज की नौतनवां मंडी में सब्जी के थोक व्यापारी उत्तम कुमार बताते हैं कि बारिश की वजह से फसल चौपट होने के कारण सभी सब्जिया महंगी बिक रही हैं।


उनका कहना है कि यहां बेंगलुरु से और अमरोहा से टमाटर की सप्लाई आती है लेकिन अभी नेपाल से भी थोड़ा टमाटर आ रहा है।

वे कहते हैं, "अभी तो नेपाल से थोड़ा सस्ता टमाटर आ रहा है तो महाराजगंज में फिर भी कीमतें कम हैं लेकिन गोरखपुर में 2,000 रुपये से 2,500 रुपये के बीच कैरेट बिक रहा है और 100-120 रुपये प्रति किलो बेच रहे थे। किसान से जो टमाटर आ रहा है वो हम 80-90 रुपये में ले रहे हैं।

जीतेन्द्र जायसवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और नगर पालिका नौतनवां में ही रहते हैं 

वे कहते हैं, "महंगाई से वो लोग ज्यादा परेशान हैं जो खाने में टमाटर का स्वाद लेते थे। खास कर गरीब लोग क्योंकि अमीर तो जब टमाटर 500 रुपये प्रति किलो भी हो जाए तब भी खाएंगे।

वे कहते हैं कि “अगर बारिश का यही हाल रहा तो फिर सभी सब्जियों के दाम आसमान छूएंगे।

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