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तरबगंज का रईस करता था पाकिस्तान के लिए जासूसी, UP ATS ने किया गिरफ्तार, जानिए कैसे किया गया जासूसी के लिए तैयार, पूरी कहानी जानकर खिसक जाएगी पैरो तले जमी…..



रमेश कुमार मिश्रा 

उत्तर प्रदेश की एटीएस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट मोहम्मद रईस को गोंडा से गिरफ्तार किया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिलने के बाद इसकी जानकारी यूपी एटीएस को दी गई थी। यूपी एटीएस ने जांच पड़ताल शुरू किया तो सारा मामला सामने आ गया। रईस अपने घर से मजदूरी करने मुंबई गया था। वहां पर अकरम नाम के व्यक्ति से इसकी मुलाकात हुई। 



अरमान ने भारत में मुस्लिमों पर जुल्म और बाबरी मस्जिद की शहादत का जिक्र करते हुये रईस को भड़काया और भारत के खिलाफ जासूसी करने के प्रेरित किया। रईस ने अरमान को बताया कि वह सऊदी सऊदी अरब जाकर काम करना चाहता है। इस पर अरमान ने कहा कि मै तुम्हारा नम्बर पाकिस्तान के एक व्यक्ति को दे दूंगा। वह तुम्हें कॉल करेगा। अगर तुम उसकी बात पर खरा उतर गए। तो वह तुम्हें भारत के खिलाफ काम करके बदला लेने का मौका देगा। इसके बदले तुम्हें मोटी रकम मिलेगी। साथ ही साथ दुबई में नौकरी भी दिला देगा। 




फिर वर्ष 2022 में रईस के पास एक विदेशी व्हाट्सएप कॉल आई। उसने अरमान का जिक्र करते हुए बात किया। उसने हुसैन नाम के किसी व्यक्ति के बारे में बताया कि वह तुमसे बात करेगा,और तुम्हें क्या करना है। यह बताएगा। इसके बाद रईस और हुसैन की बात होने लगी। 




हुसैन ने अपने को पाकिस्तानी एजेंट बताया उसने कहा कि हमें आपके साथ  काम करने के लिए प्रेरित किया गया है। इस काम के बदले में हुसैन ने रईस को पैसे देने का वादा किया।



पाकिस्तान को सौंपी भारत की महत्वपूर्ण जानकारियां

यूपी एटीएस की पूछताछ में रईस ने बताया कि उसने सैन्य प्रतिष्ठानों के फोटो और कुछ जरूरी जानकारियां पाकिस्तान को भेजी हैं। इसके साथ उसने अपने दोस्तों को भी आईएसआई के साथ जोड़ा।




 रईस को पाकिस्तान के हैंडलर ने बांग्लादेशी नंबर मुहैया कराया था। रईस को इसके बदले में 15 हजार रुपए भी मिले थे। पाकिस्तानी जासूसों से भारत विरोधी बातचीत करने के व्यापक सबूत मिले हैं। जो आज भी रईस की मोबाइल में मौजूद हैं। अब यूपी एटीएस अरमान और रईस के दोस्त सलमान की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं।




रईस के पिता बनाते है पंचर 

 गोंडा जिले के तरबगंज थाना के गांव दीन पुरवा के रहने वाले रईस अपने चार भाइयों में तीसरे नंबर पर है। उसके पिता मोहम्मद हुसैन गांव पर ही एक छोटी सी साइकिल की दुकान चलाते हैं। बड़ा भाई मोहम्मद शमीम की साइकिल की दुकान है। दूसरे नंबर का भाई मोहम्मद शफीक कानपुर में नौकरी करता है। रईस तीसरे नंबर पर था यह मुंबई में वेटर का काम करता था। चौथे नंबर का यानी सबसे छोटा भाई मोहम्मद काले मुंबई में बेकरी का काम करता है। 



रईस के गिरफ्तारी के बाद उसके पिता और मां बिलख रही हैं शायद उन्हें भी यह नहीं पता था कि उनका बेटा अब देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गया है।

 


 चचेरी बुआ पाकिस्तान में

रईस के पिता मोहम्मद हुसैन की चचेरी बहन जैतुननिशा पाकिस्तान के कराची शहर में रहती है। रईस के चाचा अब्दुल मजीद दो माह के वीजा पर एक माह पहले पाकिस्तान गए हैं। जहां वह अपनी बहन जैतुननिशा के घर पर हैं। परिजनों संग ही मोहम्मद रईस भी बुआ जैतुननिशा से फोन पर बातचीत करता था। 



पाकिस्तान के हालात और यहां अपनों पर होने वाले जुल्म की मनगढ़ंत कहानी भी वह बुआ और रिश्तेदारों को सुनाता था। मासूम दिखने वाले मोहम्मद रईस को स्थानीय लोग सीधा व साधारण युवक समझते थे। उसके आईएसआई एजेंट होने के खुलासे से हर कोई हैरान है।

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