उमेश तिवारी
महराजगंज जिले के निचलौल कस्टम द्वारा दो पिकप टमाटर बरामदगी के मामले में नौतनवां कस्टम में कार्रवाई करने में लापरवाही बरतने पर कस्टम अधीक्षक समेत सात कर्मचारियों का तबादला लखनऊ कर दिया गया है।
बताते चलें कि नौतनवां के इतिहास में ऐसी पहली घटना सामने आई जिसमें टमाटर को लेकर कस्टम अधीक्षक समेत सात कर्मचारियों को लखनऊ कस्टम मुख्यालय से अटैच कर दिया गया। इस बात की भी चर्चा है कि कस्टम विभाग मामले में कर्मचारियों की भूमिका की जांच करा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, नौतनवां कस्टम अधीक्षक विशाल मेहता समेत सात कर्मचारियों का तबादला लखनऊ कर दिया गया है। इस घटना के बाद समूचे कस्टम विभाग में सक्ते में है।
बताया जा रहा है कि टमाटर कांड की जानकारी कस्टम विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंचने के बाद आनन-फानन में उक्त कार्रवाई की गई है। जहां एक तरफ नेपाल से तस्करी कर लाए गए टमाटर की विभाग द्वारा बरामदगी,फिर तस्करों की मिली भगत से छोड़ना । इसके बाद उसी टमाटर को पिकप समेत पुलिस द्वारा पकड़ लिया जाना, यह जानकर कस्टम विभाग के उच्चाधिकारी हैरान हैं।
वहीं दूसरी तरफ कस्टम विभाग इस मामले की जांच करा है कि आखिर हकीकत क्या है? क्या जो आरोप विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगे हैं वह सही हैं?
बावजूद इसके उक्त घटना में शामिल सभी कस्टम कर्मियों को हटा दिया गया। अब पुलिस और कस्टम विभाग यह प्रमाणित करने में जुटे हैं कि उनकी कार्रवाई सही है या नहीं। लेकिन, सोमवार देर शाम जैसे ही यह बात पता चली की कस्टम अधीक्षक समेत सात कर्मियों को हटा दिया गया है, लोग पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराने लगे।
नौतनवां कस्बे के लोगों ने बताया कि संपतिहा में पुलिस ने जिस पिकप को पकड़ा उसी समय कस्टम विभाग की कारस्तानी सामने आ गई। अगर सचमुच में कर्मी लापरवाह नहीं होते तो उन पर कार्रवाई न होती। लोगों का कहना है कि यदि कस्टम के उच्चाधिकारी इस मामले की सही से जांच कराएंगे तो सारी हकीकत सामने आ जाएगी।
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